धर्मांतरण के काले चेहरे छांगुर बाबा के नए-नए खुलासे हो रहे हैं। वह एक शातिर मास्टरमाइंड निकला, जिसने हज़ारों मासूम महिलाओं को अपने जाल में फंसाया और एक खतरनाक इस्लामी प्रचार नेटवर्क खड़ा करने की साजिश रची। छांगुर बाबा और उसकी साथी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन को 7 दिन की रिमांड पर यूपी एटीएस को सौंपा गया है। अब खुफिया एजेंसियां उसके नेटवर्क और विदेशी सांठगांठ की परतें उधेड़ने में जुटी हैं।
कौन थे उसके निशाने पर?
एटीएस की जांच में पता चला कि छांगुर ने 1500 से ज्यादा लड़कियों को हिंदू से मुस्लिम बनाया, जिनमें बिना संतान वाली, विधवा, त्याग दी गई, और कमजोर मानसिकता वाली महिलाएं शामिल थीं। वह इन मासूमों को आश्रय, चमत्कार, और इलाज का झांसा देकर फंसाता था, फिर उनका दिमाग धोकर धर्म बदलने पर मजबूर करता था। आज भी कई लोग उसे ‘पीर’ या ‘मसीहा’ मानते हैं और एटीएस के सबूतों के बावजूद उसके खिलाफ बोलने से डरते हैं।
पहले भी पकड़ा जा चुका है
पुलिस और एटीएस के मुताबिक, छांगुर ने भारत-नेपाल सीमा पर ‘दावा केंद्र’ बनाने की साजिश रची थी, जिसके लिए विदेशों से पैसा भी आने लगा था। उसके अनुयायी और रिश्तेदार कई शहरों में धर्मांतरण के आयोजन कर चुके हैं। दो साल पहले आजमगढ़ में उसके रिश्तेदारों पर भी अवैध धर्मांतरण का केस दर्ज हुआ था।
दुबई से लग्जरी सामान, आलीशान जिंदगी
बलरामपुर में छांगुर की कोठी, जो किसी महल से कम नहीं थी, बुलडोजर से ढहाई गई। जांच में उर्दू लेबल वाले उत्पाद, दुबई से आए स्पेनिश तेल, शक्ति दवाएं, इत्र, और विदेशी सामान मिले, जो उसके शाही शौक और साजिश की ओर इशारा करते हैं।
गुप्त कंट्रोल रूम का खुलासा
कोठी में एक छिपा कंट्रोल रूम मिला, जहां सीसीटीवी से हर गतिविधि पर नजर रखी जाती थी। उसका बेडरूम भी ऑपरेशन सेंटर था, जहां हर आने-जाने वाले की रिकॉर्डिंग होती थी। एटीएस ने संवेदनशील कागजात भी बरामद किए हैं।
मुंबई-दुबई तक फैला जाल
सूत्रों के अनुसार, उसका नेटवर्क मुंबई और दुबई तक फैला है। नवीन वोहरा और नीतू रोहरा उर्फ नसरीन उसके पहले शिकार थे। एटीएस को शक है कि मोहम्मद अहमद खान उसके वित्तीय खेल का मास्टरमाइंड रहा हो सकता है, जिसकी जांच तेज हो गई है।