यूपी में अवैध धर्मांतरण पर ताबड़तोड़ एक्‍शन, योगी सरकार ने अब तक 16 को दिलाई सजा

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है। बीते आठ वर्षों में यूपी पुलिस, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), और आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने दो दर्जन से अधिक गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के गिरोहों के मास्टरमाइंड और उनके साथियों को पकड़कर जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया है।

अभियोजन विभाग ने पुख्ता सबूतों और प्रभावी दलीलों के साथ अदालत में 16 दोषियों को सजा दिलवाई है। इनमें 12 को आजीवन कारावास और 4 को 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा, अदालत ने दोषियों पर आर्थिक दंड भी लगाया है।

लालच देकर करवाया जाता था धर्म परिवर्तन

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा ने बताया कि योगी सरकार के आदेश पर सामाजिक और धार्मिक सद्भाव बनाए रखने और जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने की साजिशों को विफल करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान ने गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के गहरे नेटवर्क को उजागर किया और संगठित गिरोहों की कमर तोड़ दी। पकड़े गए लोग उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार, गुजरात और हरियाणा में भी सक्रिय थे। उनका उद्देश्य धार्मिक असंतुलन पैदा करना, शांति भंग करना और देश की जनसांख्यिकी को बदलना था।

ये गिरोह इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) जैसे स्थानों का इस्तेमाल करते थे। वहां गरीब, असहाय, दिव्यांग और समाज के कमजोर तबके के लोगों को नौकरी, इलाज, विवाह या धन का प्रलोभन देकर धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता था। कुछ दोषी प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से भी प्रेरणा लेते पाए गए।

450 से ज्यादा फर्जी प्रमाण-पत्र जब्त

डीजीपी ने बताया कि पकड़े गए दोषियों ने गैरकानूनी धर्म परिवर्तन के लिए एक सुनियोजित तंत्र बनाया था। उनके पास से 450 से अधिक फर्जी धर्म परिवर्तन प्रमाण-पत्र और विदेशी फंडिंग के दस्तावेज बरामद किए गए। पीड़ितों पर मानसिक दबाव डाला जाता था और उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए उकसाया जाता था। बाद में उन्हें रैलियों या वीडियो के जरिए प्रचार के लिए इस्तेमाल किया जाता था। कुछ दोषियों के खातों में बिना एफसीआरए अनुमति के विदेशी धन आया, जिसे गैरकानूनी गतिविधियों में लगाया गया।

दोषियों को मिली कठोर सजा

अभियोजन विभाग के डीजी दीपेश जुनेजा ने बताया कि गैरकानूनी धर्म परिवर्तन में शामिल दोषियों को सजा दिलाने के लिए वैज्ञानिक सबूत इकट्ठा किए गए और अदालत में मजबूत पैरवी की गई। इसके फलस्वरूप, पिछले आठ सालों में 12 दोषियों को उम्रकैद और 4 को 10 साल की सजा मिली। साथ ही, अदालत ने उन पर जुर्माना भी ठोका।

सजा पाने वाले दोषियों के नाम

मोहम्मद उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी, काज़ी जहांगीर आलम कासमी, अर्सलान मुस्तफा उर्फ भूप्रिय बंदो, मोहम्मद सलीम, राहुल भोला, मन्नू यादव, कुणाल अशोक चौधरी, सरफराज अली जाफरी, कौशर आलम, फराज बाबुल्लाह शाह, अब्दुल्ला उमर, धीरज गोविंद राव जगताप, सलाउद्दीन जैनुद्दीन शेख, प्रसाद रामेश्वर कांवरे उर्फ आदम, इरफान शेख उर्फ इरफान खान

योगी सरकार का यह अभियान गैरकानूनी धर्म परिवर्तन को रोकने और सामाजिक एकता को बनाए रखने के लिए निरंतर जारी है।

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