579 जिलों में नेटवर्क, 2000 गुर्गे और ‘गुप्त साम्राज्य’… छांगुर बाबा की राजदार नसरीन की गवाही से ऐसे टूटा ‘धर्मांतरण सिंडिकेट’
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से शुरू हुआ एक बड़ा धर्मांतरण रैकेट देश और विदेश में अपनी जड़ें फैलाए हुए था, जिसका पर्दाफाश अब सामने आया है। इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा था, और उसकी सबसे करीबी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन थी।
लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि वही नसरीन, जो बाबा के साम्राज्य की दूसरी सबसे ताकतवर शख्स थी, अब उसके खिलाफ बन गई और इस पूरे सिंडिकेट को ध्वस्त करने में मददगार साबित हुई। यूपी एटीएस की पूछताछ में नसरीन के खुलासों ने न सिर्फ बाबा के गुप्त खेल को बेनकाब किया, बल्कि देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी हैरान कर दिया।
नसरीन का बड़ा खुलासा
एटीएस को पहले से जानकारी थी कि छांगुर बाबा अपने बेटे महबूब की गिरफ्तारी के बाद देश से भागने की योजना बना रहा था। वह विदेश में शरण लेने की फिराक में था। लेकिन बाबा का यह प्लान उसकी सबसे भरोसेमंद साथी नसरीन ने ही तोड़ दिया। नसरीन भी बाबा के साथ विदेश जाना चाहती थी, लेकिन उसे शक था कि बाबा उसे अकेला छोड़कर चला जाएगा। इस डर से वह 81 दिन तक बाबा के साथ लखनऊ के एक होटल में छिपी रही। आखिरकार एटीएस ने दोनों को पकड़ लिया।
नसरीन मूल रूप से तमिलनाडु की रहने वाली है। उसने मुंबई के नवीन रोहरा के साथ बाबा की अनुयायी बनकर शुरुआत की थी। इलाज और संतान की चाह में दोनों ने धर्म परिवर्तन कर लिया—नीतू बनी नसरीन और नवीन बना जमालुद्दीन। इसके बाद बाबा ने दोनों को विदेशों से फंडिंग जुटाने की जिम्मेदारी दी।
579 जिलों में फैला नेटवर्क
जांच में पता चला कि छांगुर बाबा ने देश के 579 जिलों में अपने नेटवर्क को फैलाया था। इस नेटवर्क में करीब 2000 गुर्गे सक्रिय थे, जो उसके इशारे पर काम करते थे। ये लोग सुनियोजित तरीके से हिंदू समुदाय, खासकर कमजोर तबकों को निशाना बनाते थे। 2016 से 2020 के बीच नसरीन और नवीन ने 19 बार विदेश यात्रा की, लेकिन कभी साथ में नहीं गए। वे अलग-अलग रास्तों से फंडिंग जुटाते रहे। नसरीन ने पूछताछ में बताया कि बाबा का सपना था कि उसका बेटा महबूब दुनिया का सबसे अमीर इंसान बने। इसके लिए उसने काले धन को सफेद करने के लिए प्रॉपर्टी और बिजनेस की नींव रखी थी। दोनों ने दुबई के अल फारूक उमर बिन खत्ताब सेंटर से ऑनलाइन धर्मांतरण की प्रक्रिया भी शुरू की थी।
विदेशी कनेक्शन और ट्रेनिंग
नसरीन के बयानों से यह भी सामने आया कि छांगुर बाबा दुबई से ट्रेनर और मौलानाओं को बुलवाता था। ये लोग उसके गुर्गों को ट्रेनिंग देकर लोगों का ब्रेनवॉश करते थे और उन्हें इस्लाम की ओर आकर्षित करते थे। नेपाल में सक्रिय दावते इस्लामी की टीम भी इस नेटवर्क का हिस्सा थी। एक खास किताब ‘शिजर ए तैय्यबा’ के जरिए ये लोग धर्मांतरण को अंजाम देते थे। जांच में यह भी पता चला कि बाबा की कोठियों के तहखानों में गुप्त कमरे बनवाए गए थे, जहां ये ट्रेनिंग सत्र चलते थे।
नसरीन का पलटवार
नसरीन का बाबा से मोहभंग तब हुआ जब उसने फाइनेंस की जिम्मेदारी नसरीन से वापस लेकर महबूब को सौंपने की कोशिश की। इस नाराजगी ने नसरीन को बाबा के खिलाफ खड़ा कर दिया। उसने एटीएस के सामने सारी सच्चाई उगल दी, जिसमें बाबा के विदेशी संपर्क, फंडिंग का स्रोत और नेटवर्क की पूरी रूपरेखा शामिल थी। इसके बाद एटीएस ने बाबा की संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू की, जिसमें उसकी आलीशान कोठी को बुलडोजर से ढहाया गया।
जांच जारी
अभी भी जांच पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। एटीएस और अन्य एजेंसियां बाबा के नेटवर्क को पूरी तरह उजागर करने में जुटी हैं। नसरीन और नवीन के खातों में मिले करोड़ों रुपये की जांच चल रही है, और विदेशी फंडिंग के स्रोतों का पता लगाया जा रहा है। इस मामले ने न सिर्फ धर्मांतरण के खतरे को उजागर किया, बल्कि देश की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं।