Changur Baba: गजवा-ए-हिन्द का ख्वाब, हर घर में हो इस्लामिक झंडा; ऐसी तमन्ना रखने वाले छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के मंसूबे कितने खतरनाक?

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसका मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा है। यूपी एटीएस ने हाल ही में उसे गिरफ्तार किया, और इसके बाद योगी सरकार ने उसके अवैध साम्राज्य पर बुलडोजर चलाकर उसकी आलीशान कोठी को ध्वस्त कर दिया। अब जांच एजेंसियों की पूछताछ में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, जो छांगुर के खतरनाक इरादों को बेनकाब कर रहे हैं। उसका मकसद था भारत को ‘गजवा-ए-हिंद’ बनाना और हर घर में इस्लामिक झंडा फहराना। आइए जानते हैं कि इस साजिश के पीछे उसने क्या-क्या योजनाएं बनाई थीं।

कमजोर तबकों को बनाया निशाना

छांगुर बाबा ने खास तौर पर हिंदू समाज के कमजोर वर्ग की महिलाओं को निशाना बनाया। वह उनकी आर्थिक परेशानियों का फायदा उठाता था और थोड़ी-बहुत मदद देकर उन्हें अपने जाल में फंसाता था। इसके बाद वह उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए लालच देता था। जांच में पता चला है कि उसने पूरे देश में 15,000 से ज्यादा महिलाओं का धर्मांतरण कराया। जो लोग मना करते थे, उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी जाती थी। उसका करीबी वसीउद्दीन उर्फ बब्बू चौधरी ने इस बात की पुष्टि की है कि कई लोग डर के मारे चुपचाप मान गए।

हर घर में इस्लामिक झंडा का सपना

छांगुर का शुरूआती जीवन सड़कों पर अंगूठी बेचने और भीख मांगने में बीता, लेकिन धीरे-धीरे उसने धर्मांतरण का जाल बिछाया। विदेशों से मिली फंडिंग ने उसके इस धंधे को और मजबूत किया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि उसका मकसद था पूरे देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाना। उसने दावा किया कि हर घर में इस्लामिक झंडा लहराने के लिए वह ‘गजवा-ए-हिंद’ की राह पर था। इसके लिए उसने देश के कई राज्यों में अपने नेटवर्क को फैलाया।

धर्मांतरण के बाद सख्त जांच

जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि छांगुर उन लोगों की भी कड़ी जांच करता था, जिनका धर्मांतरण कराया गया था। वह उन्हें कलमा पढ़ने को कहता था और फिर प्रतिबंधित जानवरों का मांस खिलाकर टेस्ट लेता था। अगर कोई हिंदू मान्यताओं से जुड़ा रहता, तो उसे हिचकिचाहट होती थी, जिससे छांगुर यह चेक करता था कि व्यक्ति पूरी तरह इस्लाम में रचा-बसा है या नहीं। वह इस प्रक्रिया का वीडियो भी बनवाता था, ताकि बाद में किसी को मुकरने पर सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सके।

नेपाल बॉर्डर पर नया निशाना

छांगुर ने बलरामपुर और आसपास के इलाकों में तो अपना नेटवर्क बनाया ही, साथ ही नेपाल से सटे 46 गांवों के युवाओं को भी टारगेट किया। वह झाड़-फूंक और चमत्कारी अंगूठियों के बहाने लोगों को अपने वश में करता था। जांच में पता चला कि विदेशी फंडिंग के जरिए वह गांवों और पिछड़े इलाकों में जलसे आयोजित करता था। इन जलसों में वह उन युवाओं को निशाना बनाता था, जो जिहाद या इस्लाम की ओर आकर्षित थे या फिर बेरोजगारी और पैसा कमाने की चाह में थे। उन्हें आर्थिक मदद का लालच देकर वह अपने नेटवर्क में शामिल करता था।

जांच जारी

एटीएस और ईडी जैसी एजेंसियां अभी भी छांगुर के नेटवर्क और विदेशी फंडिंग के स्रोतों की तह तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं। उसके बैंक खातों और संपत्तियों की जांच चल रही है। यह मामला न सिर्फ धर्मांतरण बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बनकर उभरा है।

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