देश में बिहार चुनाव और संसद के मानसून सत्र को लेकर सियासी हलचल तेज है। राजद नेता तेजस्वी यादव जहां चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लोकसभा में राहुल गांधी ने चुनावों में धांधली का दावा किया, जिसका जवाब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने तीखे अंदाज में दिया।
निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी की विपक्षी नेता के तौर पर कार्यशैली और जिम्मेदारी पर सवाल उठाए। उन्होंने राहुल की संसदीय उपस्थिति, प्रक्रियात्मक नियमों की समझ और देश हित के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की आलोचना की।
निशिकांत दुबे का राहुल पर हमला
भाजपा सांसद ने कहा, “राहुल गांधी शायद देश के पहले ऐसे विपक्षी नेता हैं, जिन्हें देश के हितों से कोई सरोकार नहीं दिखता। क्या आपने उन्हें कभी गंभीर राजनीतिक चर्चा करते देखा? वह मुश्किल से दो मिनट के लिए मीडिया से बात करते हैं। कई संसदीय सत्रों में उनकी मौजूदगी लगभग न के बराबर रहती है।”
नियमों की अनदेखी का आरोप
निशिकांत ने राहुल पर संसद के नियमों की जानकारी न होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “संसद में कुछ नियम और आचार संहिता होती है। नियम 349 कहता है कि कोई सांसद बोलने के बाद तुरंत सदन से बाहर नहीं जा सकता। अगर कोई बोलना चाहता है, तो उसे सदन में मौजूद रहना चाहिए। मुझे लगता है कि राहुल ने ये नियम पढ़े ही नहीं। उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे से सीखना चाहिए कि सरकार और संसद कैसे काम करती है।”
उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर और पीओके जैसे मुद्दों पर भी टिप्पणी की। निशिकांत ने कहा, “अनंतिम रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर में हमें सफलता मिली है। स्थायी रिपोर्ट तब बनेगी जब हम पीओके पर कब्जा करेंगे। राहुल का एसआईआर पर बयान दर्शाता है कि वह अपने पिता द्वारा बनाए गए कानूनों से अनजान हैं। 2003 में भी ऐसा ही एसआईआर हुआ था।”
राहुल गांधी ने क्या कहा?
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया, “देश में चुनाव चुराए जा रहे हैं। यह सिर्फ 52 लाख वोटों या बिहार की बात नहीं है। महाराष्ट्र में भी धोखाधड़ी हुई। हमने चुनाव आयोग से मतदाता सूची दिखाने को कहा, लेकिन उन्होंने नहीं दिखाई। हमने वीडियो मांगा, तो उन्होंने नियम बदल दिए। महाराष्ट्र में एक करोड़ नए मतदाता अचानक आ गए।”
सियासी तकरार जारी
राहुल के बयान ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है। जहां विपक्ष लगातार चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठा रहा है, वहीं भाजपा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर निशाना साधा है। यह विवाद संसद सत्र और बिहार चुनाव के बीच और तूल पकड़ सकता है।