भारत और ब्रिटेन के बीच एक बड़े मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर सहमति बन गई है, जिसे भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) के नाम से जाना जाएगा। यह डील नई नौकरियों के अवसर पैदा करेगी और भारतीय किसानों, मछुआरों, कारीगरों, और उद्यमियों को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाएगी। इसके साथ ही, उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं को किफायती कीमतों पर उपलब्ध कराने का रास्ता भी साफ होगा। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दृष्टि का एक अहम हिस्सा है।
वैश्विक विश्वास और आर्थिक उछाल
मोदी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को फिर से वैश्विक पटल पर मजबूत करने और इसे भारतीय व विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। विकसित देशों के साथ एफटीए इस रणनीति का आधार हैं, जो व्यापार नीतियों की अनिश्चितताओं को कम कर निवेशकों का भरोसा बढ़ाएंगे। 2014 के बाद से भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) लगभग तीन गुना बढ़कर 331 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो सरकार की नीतियों की सफलता को दर्शाता है। इससे पहले यूपीए शासन में भारत को दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था, लेकिन अब स्थिति उलट गई है।
ट्रेड डील के फायदे
यह समझौता करीब 99% टैरिफ खत्म करेगा, जो लगभग पूरे व्यापार मूल्य को कवर करता है। इससे 56 अरब डॉलर के मौजूदा द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक दोगुना करने की उम्मीद है। छोटे व्यवसायों को खास फायदा होगा, क्योंकि भारतीय उत्पादों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बढ़त मिलेगी। खेल उपकरण, चमड़ा-जूते, वस्त्र, समुद्री उत्पाद, और रत्न-आभूषण जैसे श्रम-आधारित क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन मिलेगा।
कृषि और ग्रामीण उन्नति
सीईटीए के तहत 95% से ज्यादा कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों पर शून्य शुल्क लगेगा, जिससे कृषि निर्यात और ग्रामीण समृद्धि को रफ्तार मिलेगी। अगले तीन साल में कृषि निर्यात में 20% से अधिक की वृद्धि का अनुमान है, जो 2030 तक 100 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। हल्दी, काली मिर्च, इलायची, अचार, और दालों को ब्रिटिश बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और गुणवत्ता, पैकेजिंग पर ध्यान बढ़ेगा। संवेदनशील क्षेत्रों जैसे डेरी, सेब, जई, और खाद्य तेलों को सुरक्षा दी गई है, जो सरकार की खाद्य सुरक्षा और किसानों के हित की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
मछुआरों और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा
आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल, और तमिलनाडु के मछुआरों को ब्रिटेन में बाजार तक आसान पहुंच मिलेगी। साथ ही, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाएं, और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों के लिए नए अवसर खुलेंगे। डील में दोहरे कराधान का समाधान भी शामिल है, जो ब्रिटेन में तीन साल तक अस्थायी भारतीय कर्मियों को सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट देगा, जिससे सेवा प्रदाताओं की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
गुणवत्ता और सहयोग
यह समझौता भारतीय उपभोक्ताओं को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुएं मुहैया कराएगा। सरकार ने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी कर नीतिगत समर्थन दिया है। डील से पहले उद्योग और हितधारकों से गहन परामर्श हुआ, जिसका व्यापक समर्थन मिला। ब्रिटेन के साथ यह समझौता बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संतुलित और महत्वाकांक्षी ट्रेड डील का मॉडल बन सकता है, जो भारत के हितों को सुरक्षित रखते हुए वैश्विक अवसरों के द्वार खोलता है।