अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पदभार संभालने के बाद से उनकी विवादास्पद कार्रवाइयां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार शाम एक बार फिर उन्होंने भारत के खिलाफ नया मोर्चा खोलते हुए टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि भारत रूस से बड़े पैमाने पर तेल खरीद रहा है और उसे खुले बाजार में मुनाफा कमाकर बेच रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत से आयात पर लगने वाले टैरिफ को अब काफी बढ़ा दिया जाएगा।
भारत का सब्र टूटा, जयशंकर का तगड़ा जवाब
ट्रंप की लगातार टिप्पणियों और धमकियों से भारत का धैर्य जवाब दे गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कर दिया कि भारत अपने ऊर्जा हितों की रक्षा के लिए किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा।
सोमवार को दिल्ली में BIMSTEC ट्रेडिशनल म्यूज़िक फेस्टिवल ‘सप्तसुर’ के मंच से उन्होंने अमेरिकी दबाव और पश्चिमी आलोचनाओं का डटकर मुकाबला किया। जयशंकर ने कहा, “हम एक जटिल और अनिश्चित दौर से गुजर रहे हैं। हमारी सामूहिक मांग एक निष्पक्ष वैश्विक व्यवस्था की है, जो किसी एक देश के वर्चस्व से मुक्त हो। यह संतुलन केवल राजनीतिक या आर्थिक क्षेत्र में नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों के माध्यम से भी स्थापित होता है।”
रूस ने भी दिखाई एकजुटता
भारत के इस रुख से प्रेरित होकर रूस ने भी ट्रंप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रूस ने सख्त लहजे में कहा कि ट्रंप की दबाव बनाने की रणनीति अब प्रभावी नहीं रहेगी। रूस ने भारत की तरह अपनी ऊर्जा नीतियों और स्वतंत्र निर्णय लेने के अधिकार पर जोर दिया, जो ट्रंप की धमकियों को नजरअंदाज करने की एकजुट रणनीति का हिस्सा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रूस-भारत के बीच मजबूत होते रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।