वाराणसी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां 12 साल की हिंदू बच्ची का अपहरण कर उसे जबरन धर्म परिवर्तन कराकर एक मुस्लिम युवक से निकाह करा दिया गया। इस साजिश में मौलवी की भी भूमिका रही। पुलिस ने इस घिनौने कांड में शामिल निहाल, उसके पिता शरीफ उर्फ राजू, मां, चाचा लालू और मौलवी मोहम्मद हसीन को हिरासत में लिया है।
पीड़ित पिता की बेबसी और लंबी जद्दोजहद लड़की के पिता नंदू मौर्य ने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए तीन महीने तक थानों और चौकियों के चक्कर काटे, लेकिन कहीं भी उनकी बात नहीं सुनी गई। हताश होकर उन्होंने आखिरकार पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत सौंपी। इसी शिकायत के बाद पुलिस ने हरकत में आकर कार्रवाई शुरू की। यह घटना इलाके में गहरा आक्रोश और रोष पैदा कर रही है।
अपहरण से लेकर धमकियों तक का सिलसिला पिता ने शिकायत में बताया कि आरोपी निहाल ने उनकी 12 साल की बेटी को जबरन अपने घर ले जाया। जब वे उसे बचाने पहुंचे, तो निहाल, उसके पिता और चाचा ने उन पर हमला कर धमकी दी। आरोपियों ने दावा किया कि उनकी बेटी का धर्म बदल चुका है और उसका निकाह हो गया है। उन्होंने पिता को “काफिर” कहकर जान से मारने की धमकी भी दी।
पुलिस की कार्रवाई और मौलवी का कबूलनामा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया। थाने में पूछताछ के दौरान आरोपियों से उठक-बैठक कराई गई। मौलवी मोहम्मद हसीन ने स्वीकार किया कि उसने नाबालिग लड़की का निकाह पढ़वाया था और अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी। सभी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम सहित गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है।
पुलिस कमिश्नर की सख्ती से हुआ न्याय ACP प्रज्ञा पाठक ने बताया कि पुलिस कमिश्नर को शिकायत मिलते ही तुरंत एफआईआर दर्ज की गई और लड़की की तलाश के लिए टीम बनाई गई। लड़की को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। जांच में पता चला कि परिवार ने उसका जबरन धर्मांतरण और निकाह कराया था। एसीपी ने कहा कि पीड़ित पिता ने सीधे पुलिस कमिश्नर से संपर्क किया, जिसके बाद यह कार्रवाई संभव हो सकी।