नेपाल में सोमवार, 8 सितंबर 2025 से शुरू हुआ बवाल अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनरेशन-जेड (Gen Z) के प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है और 500 से अधिक घायल हुए हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के देश छोड़कर दुबई भागने की खबरें सामने आ रही हैं।
हिंसा और आगजनी ने राजधानी काठमांडू समेत कई इलाकों में तनाव बढ़ा दिया है। प्रदर्शनकारियों ने ओली के गृहनगर दमक में उनके घर पर पथराव किया और टायर जलाकर सड़कों को जाम कर दिया। काठमांडू में संसद भवन के बाहर हिंसक झड़पों के बाद सेना तैनात की गई है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि ओली इस्तीफा दें और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
मंगलवार, 9 सितंबर 2025 की दोपहर 12:32 बजे तक की ताजा जानकारी के अनुसार, ओली ने दुबई जाने की तैयारी शुरू कर दी है, जहां एक निजी एयरलाइन हिमालय एयरलाइंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक, वे चिकित्सा उपचार का हवाला देकर देश छोड़ सकते हैं, क्योंकि प्रदर्शन और मंत्रियों के इस्तीफे ने उनकी सरकार को संकट में डाल दिया है। गृह मंत्री रमेश लेखक और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव पहले ही नैतिक आधार पर इस्तीफा दे चुके हैं।
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटाने की घोषणा की, लेकिन इससे पहले हुई हिंसा में 19 मौतें और 500 से अधिक घायल होने की पुष्टि हुई है। प्रदर्शनकारियों ने संसद के बाहर तोड़फोड़ की, जिसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस और रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया। मानवाधिकार आयोग ने सुरक्षा बलों की ओर से अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की है।
भारत के लिए यह स्थिति चिंता का विषय है, क्योंकि नेपाल में अस्थिरता सीमा सुरक्षा और व्यापार पर असर डाल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओली के संभावित प्रस्थान से सत्ता संघर्ष बढ़ सकता है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित करेगा। अभी तक ओली की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थिति पर नजर रखी जा रही है।