Vice Presidential Election: सीपी राधाकृष्णन होंगे देश के नए उपराष्ट्रपति, विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को हराया; किसे मिले कितने वोट

आज, 9 सितंबर 2025 को देश में उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं। एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन (सीपी राधाकृष्णन) ने इस चुनाव में शानदार जीत हासिल की है और वे देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीपी राधाकृष्णन को कुल 452 वोट मिले, जबकि विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट प्राप्त हुए।

चुनाव आयोग ने संसद के मतदान केंद्र पर आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग की प्रक्रिया आयोजित की गई। इसके बाद वोटों की गिनती शुरू हुई, और अब नतीजे सामने आ गए हैं। एनडीए की इस जीत को गठबंधन की एकता और रणनीति की सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?

सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है, और वे एक अनुभवी राजनेता और प्रशासक हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत रहते हुए एनडीए ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया। उन्होंने 31 जुलाई 2024 को महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी। इससे पहले, उन्होंने लगभग डेढ़ साल तक झारखंड के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवाएं दीं।

राधाकृष्णन का प्रशासनिक करियर प्रभावशाली रहा है। भारत के राष्ट्रपति ने उन्हें तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में भी जिम्मेदारी सौंपी थी। चार दशकों से अधिक के सार्वजनिक जीवन में, उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति में एक सम्मानित स्थान बनाया है। उनके अनुभव और नेतृत्व को देखते हुए उनकी यह जीत देश के लिए एक नई शुरुआत मानी जा रही है।

चुनाव प्रक्रिया और नतीजे

उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों की वोटिंग शामिल थी। गिनती के दौरान एनडीए की बढ़त स्पष्ट रही, और अंतिम परिणाम में सीपी राधाकृष्णन ने 452 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के 300 वोट के बावजूद, वे इस प्रतिस्पर्धा में पिछड़ गए। यह जीत एनडीए की संसदीय ताकत और संगठन क्षमता को दर्शाती है।

भावी भूमिका और अपेक्षाएं

नए उपराष्ट्रपति के रूप में सीपी राधाकृष्णन से देश की एकता और विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है। उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव से संसद और राष्ट्रपति के बीच समन्वय मजबूत होने की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका तमिलनाडु और दक्षिण भारत में गहरा जुड़ाव देश के विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने में मदद करेगा।

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top