100 साल का हुआ संघ: RSS शताब्दी समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी, स्मारक टिकट और सिक्का जारी किया

विजयादशमी के पावन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करने का भव्य समारोह आज, 1 अक्टूबर 2025 को मनाया। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की और विशेष स्मारक डाक टिकट जारी किया, साथ ही एक स्मारक सिक्का भी लॉन्च किया। यह आयोजन RSS के शताब्दी वर्ष को समर्पित था, जो हिंदू राष्ट्रवाद और सामाजिक सेवा के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा है। पीएम की मौजूदगी ने समारोह को और गरिमा प्रदान की, जिसमें हजारों स्वयंसेवकों ने भाग लिया।

प्रधानमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए RSS के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने 27 सितंबर 1925 को नागपुर में की थी, और आज यह संगठन अपने 100 वर्षों के गौरवशाली सफर का जश्न मना रहा है। पीएम ने जोर देकर कहा कि RSS ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आजादी के बाद राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। “संघ का तप और समर्पण भारत की एकता और अखंडता की नींव है,” उन्होंने कहा।

100 रुपये का स्मारक सिक्का वित्त मंत्रालय के तहत भारत सरकार टकसाल, कोलकाता द्वारा तैयार किया गया है। सिक्के के एक ओर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ उकेरा गया है, जबकि दूसरी ओर भारत माता की भव्य छवि है, जो वरद मुद्रा में सिंह के साथ खड़ी हैं। पृष्ठभूमि में स्वयंसेवक श्रद्धा और समर्पण के साथ भारत माता को नमन करते दिखाई दे रहे हैं, जो देशभक्ति और त्याग की भावना को दर्शाता है। पीएम मोदी ने सिक्का जारी करते हुए कहा कि यह संघ के 100 वर्षों के योगदान को याद रखने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने का प्रतीक है।

विशेष डाक टिकट RSS के शताब्दी वर्ष को समर्पित है, जिसमें संघ के प्रतीक चिन्ह, स्वयंसेवकों की एकता और राष्ट्र सेवा की भावना को चित्रित किया गया है। पीएम ने टिकट जारी करते हुए कहा कि यह संघ के तप, त्याग और सेवा भाव को अमर बनाएगा। टिकट का डिजाइन सरल yet गहन है, जो RSS की विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है।

RSS की स्थापना 1925 में डॉ. हेडगेवार ने की थी, जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था। इसका लक्ष्य हिंदू समाज को संगठित करना और राष्ट्रीय चेतना जागृत करना था। आजादी के बाद, संघ ने शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में योगदान दिया। 1948 के प्रतिबंध के बावजूद, संघ ने अपनी गतिविधियां जारी रखीं और आज यह विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है।

संघ ने राम जन्मभूमि आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण जैसे सामाजिक आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाई। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने समारोह में कहा कि संघ का मिशन हिंदू समाज को मजबूत करना और समग्र राष्ट्र निर्माण है, जो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने युवाओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया और भविष्य के संकल्पों पर जोर दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि RSS का 100 वर्षों का सफर भारत की प्रगति का आधार है। उन्होंने स्वयंसेवकों को बधाई दी और कहा कि उनका समर्पण विकसित भारत के सपने को साकार करेगा। “संघ का तप और सेवा भाव हमें एकजुट रखता है,” उन्होंने जोर देकर कहा।

शताब्दी वर्ष के बाद RSS युवा पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति सिखाने और सामाजिक सद्भाव बढ़ाने पर ध्यान देगा। यह समारोह न केवल संघ के गौरव को दर्शाता है, बल्कि हिंदू समाज की एकता का भी प्रतीक है। आज के समारोह ने RSS के 100 वर्षों की विरासत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

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