चुनाव आयोग ने 7 अक्टूबर 2025 को सुबह 9:57 बजे IST बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का औपचारिक ऐलान कर दिया है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में होगा—पहला चरण 6 नवंबर 2025 को और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को। वोटों की गिनती 14 नवंबर 2025 को होगी। यह चुनाव बिहार की राजनीतिक दिशा को तय करने वाला होगा, जहां सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला तय माना जा रहा है।
चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तारीखों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि बिहार में 7.5 करोड़ से अधिक मतदाता इस चुनाव में हिस्सा लेंगे, जिसमें 15 लाख नए मतदाता शामिल हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे। पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान होगा, जिसमें उत्तर बिहार के 16 जिले—अररिया, अरवल, औरंगाबाद, बेगूसराय, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गया, जहानाबाद, जमुई, कैमूर, कटिहार, खगड़िया, किशनगंज, मुंगेर, और नालंदा—शामिल हैं।
दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग होगी, जिसमें पटना, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, सिवान, वैशाली, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, मधुबनी, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, और भागलपुर जैसे जिले शामिल हैं। काउंटिंग 14 नवंबर को सभी 38 जिलों में एक साथ होगी। कुमार ने कहा कि चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे, और मतदाताओं के लिए 1.6 लाख मतदान केंद्रों पर उन्नत सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
चुनाव आयोग ने नामांकन प्रक्रिया की समयसीमा भी तय की है। पहले चरण के लिए नामांकन 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2025 तक, और दूसरे चरण के लिए 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक जमा किए जा सकेंगे। नामांकन पत्रों की जांच 25 अक्टूबर और 1 नवंबर को होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तारीख क्रमशः 27 अक्टूबर और 3 नवंबर होगी। चुनाव प्रचार 4 नवंबर को शाम 5 बजे तक चलेगा, जिसके बाद आचार संहिता लागू रहेगी। मतदान के लिए 4.5 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे, खासकर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों जैसे औरंगाबाद, गया, और जमुई में।
सत्ताधारी एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, हम) और महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस, वाम दलों) ने अभी से अपनी रणनीति साधनी शुरू कर दी है। जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार विकास और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर जनता का समर्थन हासिल करेगी। उन्होंने 10 लाख नौकरियों और 2 करोड़ घरों के वादे को दोहराया। बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने हिंदुत्व और अपराध नियंत्रण को प्रमुख मुद्दा बनाया है। दूसरी ओर, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, महंगाई, और प्रवासियों की समस्याओं को उठाया है। महागठबंधन ने ग्रामीण क्षेत्रों और युवाओं पर फोकस बढ़ाया है, जहां पिछले पंचायत चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
बिहार में जातिगत समीकरण चुनाव को प्रभावित करेंगे। यादव, मुस्लिम, और दलित वोट महागठबंधन के पक्ष में माने जाते हैं, जबकि ऊपरी जातियां और EBC (अति पिछड़ा वर्ग) एनडीए के साथ हैं। महिलाओं के लिए 50% आरक्षण और पिंक बूथ की व्यवस्था दोनों पक्ष अपना रहे हैं। क्षेत्रीय तौर पर उत्तर बिहार में एनडीए मजबूत है, जबकि दक्षिण बिहार में महागठबंधन की पकड़ मानी जाती है।
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SVR) पूरा किया है, जिसमें 7.5 करोड़ मतदाता शामिल हैं—3.9 करोड़ पुरुष, 3.6 करोड़ महिला, और 1.2 लाख थird जेंडर मतदाता। 1.6 लाख मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां ईवीएम और VVPAT का उपयोग होगा। VVPAT स्लिप की 5% जांच अनिवार्य होगी, और फर्जी वोटिंग रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। डिजिटल मतदाता जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है।
चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए 4.5 लाख सुरक्षाकर्मी तैनात होंगे, जिसमें केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 200 कंपनियां शामिल हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर और ड्रोन सर्विलांस का इस्तेमाल होगा। मौसम की चुनौती भी है, क्योंकि नवंबर में कोहरे और बाढ़ प्रभावित इलाकों में मतदान प्रभावित हो सकता है। आयोग ने इन क्षेत्रों में अतिरिक्त मतदान केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है।
बिहार चुनाव 2025 राष्ट्रीय राजनीति में भी मील का पत्थर साबित होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से 39 पर एनडीए ने जीत हासिल की थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में संतुलन बदल सकता है। नीतीश कुमार की जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन मजबूत है, लेकिन तेजस्वी यादव की आरजेडी ने युवाओं और अल्पसंख्यकों को लुभाने की रणनीति बनाई है। महागठबंधन में कांग्रेस और वाम दलों का समर्थन भी अहम होगा।
जनता के बीच विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार जैसे मुद्दे हावी हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली, पानी, और सड़क सुविधाओं की मांग बढ़ी है। शहरी क्षेत्रों में युवा नौकरी और उद्यमिता को प्राथमिकता दे रहे हैं। दोनों पक्षों ने अपने घोषणापत्र में इन मुद्दों को शामिल करने का वादा किया है।
चुनाव आयोग ने सभी दलों से आचार संहिता का पालन करने की चेतावनी दी है। सोशल मीडिया पर नकली खबरों पर सख्ती बरती जाएगी, और 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। बिहार के 7.5 करोड़ मतदाता इस चुनाव में अपनी आवाज बुलंद करेंगे, जो लोकतंत्र की जीत होगी।