उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आख़िरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की कानून-व्यवस्था और विकास को लेकर सरकार की नीतियों का ज़ोरदार बचाव किया। अपने संबोधन में उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में सुरक्षा का ऐसा मज़बूत मॉडल लागू किया गया है, जिसके कारण निवेश बढ़ा है और विकास की रफ्तार तेज़ हुई है। साथ ही उन्होंने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “माफिया के सामने झुकना उनकी मजबूरी थी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों के दौर में माफिया और अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा। नतीजा यह हुआ कि आम नागरिक भय के माहौल में जीने को मजबूर थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय अपराधियों के हौसले इतने बुलंद थे कि वे खुलेआम रंगदारी, ज़मीन कब्ज़ा और धमकी जैसी गतिविधियों को अंजाम देते थे। सीएम योगी के अनुसार, उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही “जीरो टॉलरेंस” की नीति अपनाई और कानून से ऊपर किसी को नहीं रखा।
अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने बताया कि बीते वर्षों में संगठित अपराध के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की गई है। माफिया के अवैध ठिकानों पर बुलडोज़र कार्रवाई, अवैध संपत्तियों की कुर्की और तेज़ न्यायिक प्रक्रिया को उन्होंने सुरक्षा मॉडल का अहम हिस्सा बताया। उनका कहना था कि इसी सख्ती का असर है कि आज प्रदेश में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और बड़े औद्योगिक प्रोजेक्ट्स ज़मीन पर उतर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए सीएम योगी ने कहा कि “जो लोग सत्ता में रहते हुए माफिया के सामने झुकते थे, वे आज सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि पहले की सरकारों ने वोट बैंक की राजनीति के चलते अपराधियों पर कार्रवाई से परहेज़ किया, जिससे जनता को नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता आम नागरिक की सुरक्षा और सम्मान है, न कि किसी खास वर्ग का तुष्टिकरण।
विपक्ष की ओर से लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून का पालन सभी के लिए समान है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा, लेकिन अपराध करने वालों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है। सीएम योगी के मुताबिक, यही सख़्ती उत्तर प्रदेश को “बीमारू राज्य” की छवि से निकालकर विकास की राह पर ले गई है।
अंत में मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि मज़बूत कानून-व्यवस्था, पारदर्शी प्रशासन और तेज़ विकास—यही उनकी सरकार की पहचान है। विधानसभा में दिया गया यह बयान न सिर्फ़ राजनीतिक बहस को तेज़ करता है, बल्कि प्रदेश की सियासत में कानून-व्यवस्था के मुद्दे को फिर से केंद्र में ले आता है।
