फरीदाबाद में एक संयुक्त पुलिस अभियान के तहत बड़े पैमाने पर संदिग्ध सामग्री जब्त करने और दो व्यक्तियों की गिरफ़्तारी की खबर सामने आई है। हरियाणा पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमों ने मिलकर यह कार्रवाई की। मामले की जांच अभी जारी है।
पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि यह एक समन्वित ऑपरेशन था। अभियान के दौरान एक व्यक्ति—डॉ. मुज्जमिल—को हिरासत में लिया गया है। प्रारंभिक तलाशी में भारी मात्रा में विस्फोटक निर्माण सामग्री और हथियार मिले। हालांकि पुलिस ने साफ किया है कि जिन सामग्री को आरडीएक्स बताया जा रहा था, वे आरडीएक्स नहीं बल्कि अमोनियम नाइट्रेट हैं।
बरामद सामान में एक असॉल्ट राइफल (AK-47 जैसी बताई जा रही), तीन मैगज़ीन और 83 जिंदा कारतूस, एक पिस्टल और उससे जुड़े आठ कारतूस, दो खाली मैगज़ीन शामिल हैं। साथ ही बड़ी और छोटी सूटकेस, एक बाल्टी, लगभग 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, 20 टाइमर बैटरियाँ, 24 रिमोट, लगभग 5 किलोग्राम भारी धातु, वॉकी-टॉकी सेट, इलेक्ट्रिक तार, बैटरियाँ और अन्य संदिग्ध सामग्री भी जब्त की गई है। पुलिस ने दोहराया कि यह आरडीएक्स नहीं है, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट है।
गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों में एक डॉक्टर और एक मुस्लिम इमाम शामिल हैं। इमाम की पत्नी का कहना है कि उनके पति पिछले 20 वर्षों से मस्जिद में सेवा दे रहे थे और उन्हें इस कार्रवाई के कारण की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर मुज्जमिल नियमित रूप से नमाज़ अदा करते थे और उनके संबंध कश्मीर से बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि डॉ. मुज्जमिल अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में पढ़ाते थे। मामले की तह तक जाने के लिए गिरफ्तारी के बाद उनसे पूछताछ जारी है और अतिरिक्त सबूत जुटाए जा रहे हैं। अभियान अभी भी चल रहा है।
अनंतनाग के डॉ. आदिल अहमद से जुड़े संदिग्ध कनेक्शन की भी जानकारी मिल रही है। उधर, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहले अनंतनाग के एक डॉक्टर को गिरफ्तार किया था और उसी कड़ी में फरीदाबाद में किराये के कमरे पर छापा मारा गया। खबरों में कहा गया है कि उस कमरे में 14 बैग रखे थे जिनमें भारी मात्रा में सामग्री मिली। मकान मालिक का कहना है कि उसे बताया गया था कि कमरे में सिर्फ सामान रखा जाएगा और वह जानकार नहीं था कि बैग में क्या रखा गया है।
इस मामले में चार राज्यों — जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात — से जुड़े पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। पुलिस विभिन्न सूचनाओं और कानूनी पहलुओं की पड़ताल कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
इसी बीच गुजरात एटीएस ने भी एक अलग अभियान में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गुजरात ATS की लगातार निगरानी के बाद अहमदाबाद और आसपास से बड़ी मात्रा में हथियार, कारतूस और रासायनिक पदार्थ बनाने की सामग्री बरामद हुई। गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान Dr. अहमद मोहिउद्दीन सैयद, मोहम्मद सुहेल और आजाद के तौर पर की गई है।
गुजरात ATS के अनुसार, गिरफ्तार सैयद अहमद मोहिउद्दीन पर विदेशी संपर्क और हिंसक बहाली की प्रवृत्ति से जुड़ी गतिविधियों का संदेह था। उनके कब्जे से दो ग्लॉक पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल, 30 जिंदा कारतूस और अरंडी के तेल के चार लीटर जब्त हुए। जांच में यह भी पता चला कि उसके द्वारा रिसिन (रासायनिक जहर) बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे थे, जिसे अरंडी के बीजों के अवशिष्ट से बनाया जाता है।
दोनों मामलों में अधिकारी स्पष्ट कर रहे हैं कि जांच का उद्देश्य किसी भी संभावित खतरे की पूर्ण रूप से पहचान करना और आवश्यक साक्ष्य जुटाकर अपराधी नेटवर्क को बेनकाब करना है। सुरक्षा एजेंसियाँ घटनास्थलों और संदिग्धों के संपर्कों की विस्तृत पड़ताल कर रही हैं।
