भारत ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। यह ऐतिहासिक जानकारी नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार, 24 मई को दी। उन्होंने यह बयान नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 10वीं बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में दिया। बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि भारत की कुल अर्थव्यवस्था का आकार 4,000 अरब डॉलर (4 ट्रिलियन डॉलर) हो चुका है। उन्होंने कहा, “जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, उस समय भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।”
सुब्रह्मण्यम के अनुसार, भारत अब केवल तीन देशों अमेरिका, चीन और जर्मनी से पीछे है। भारत ने जापान को पीछे छोड़ दिया है। सुब्रह्मण्यम ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अगर भारत अपनी वर्तमान योजनाओं और रणनीतियों पर कायम रहता है, तो आने वाले ढाई से तीन वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक और आर्थिक वातावरण भारत के लिए अनुकूल है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत अब केवल उपभोग का बाजार नहीं रह गया है, बल्कि यह मैन्युफैक्चरिंग और उत्पादन का बड़ा केंद्र बनने की ओर अग्रसर है।
भविष्य का मैन्युफैक्चरिंग हब है भारत
जब उनसे आईफोन निर्माण को लेकर पूछे गए एक सवाल में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान का जिक्र किया गया, तो उन्होंने कहा, “यह कहना मुश्किल है कि भविष्य में टैरिफ क्या होंगे, लेकिन मौजूदा बदलावों को देखते हुए, भारत मैन्युफैक्चरिंग के लिए एक सस्ती और उपयुक्त जगह बनता जा रहा है।” गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में कहा था कि वह उम्मीद करते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही हो।
अगस्त में एसेट मोनेटाइजेशन का दूसरा चरण
नीति आयोग के सीईओ ने यह भी बताया कि एसेट मोनेटाइजेशन योजना के दूसरे राउंड की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इसकी घोषणा अगस्त महीने में की जाएगी। यह योजना सरकार की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत सरकारी परिसंपत्तियों का बेहतर उपयोग और निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा।