उत्तर प्रदेश में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने जिहाद के नाम पर आतंकवाद और अवैध धर्मांतरण को हिन्दू समाज के लिए गंभीर चुनौती बताया है। विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि ऐसे प्रयास समाज की एकता, शांति और सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि धर्म के नाम पर हिंसा, डर और प्रलोभन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।
बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि देश के अलग–अलग हिस्सों में सामने आ रहे आतंकवादी घटनाक्रम और जबरन या छल से कराए जा रहे धर्मांतरण सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका कहना था कि युवाओं को बहकाकर, झूठे वादों और दबाव के जरिए धर्म बदलवाने की कोशिशें बढ़ी हैं, जिन पर सख्त नजर और कानूनी कार्रवाई जरूरी है। विहिप का मानना है कि ऐसे मामलों में प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए ताकि समाज में भय का माहौल न बने।
उन्होंने मंदिरों की संपत्ति के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई। बांगड़ा ने कहा कि मंदिरों की संपत्ति का उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए होना चाहिए, न कि किसी निजी लाभ या गैर-धार्मिक गतिविधियों के लिए। उनका कहना था कि मंदिरों से जुड़ी संपत्तियों का पारदर्शी और जिम्मेदार प्रबंधन आवश्यक है, ताकि उसका सही उपयोग शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संरक्षण में हो सके।
विहिप नेताओं ने यह भी कहा कि धर्मांतरण के मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। समाज को यह समझना होगा कि अपनी आस्था और परंपराओं की रक्षा करना केवल किसी संगठन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है। उन्होंने परिवारों से अपील की कि वे अपने बच्चों और युवाओं से संवाद बढ़ाएं, उन्हें अपनी संस्कृति, इतिहास और मूल्यों के बारे में बताएं, ताकि वे किसी भी तरह के बहकावे का शिकार न हों।
बांगड़ा ने यह भी स्पष्ट किया कि विहिप किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज में शांति और कानून के दायरे में रहने की बात करता है। उनका कहना था कि भारत विविधताओं का देश है, जहां सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह स्वतंत्रता तब तक ही है जब तक वह कानून और सामाजिक सौहार्द के अनुरूप हो।
अंत में विहिप ने सरकार और प्रशासन से मांग की कि आतंकवाद और अवैध धर्मांतरण से जुड़े मामलों में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही, मंदिरों की संपत्ति के संरक्षण और सही उपयोग के लिए स्पष्ट नीति बनाई जाए। संगठन का कहना है कि मजबूत कानून, जागरूक समाज और जिम्मेदार प्रशासन के जरिए ही देश की एकता और शांति को सुरक्षित रखा जा सकता है।
