उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रखी है। जनवरी 2025 से अब तक 12,964 मुठभेड़ों में 8 कुख्यात अपराधियों को ढेर किया गया है। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल के पहले पांच महीनों में हुई इन कार्रवाइयों में कई इनामी बदमाश मारे गए, जिनके खिलाफ हत्या, डकैती और फिरौती जैसे गंभीर अपराध दर्ज थे।
जनवरी: कग्गा गैंग का सफाया – 20-21 जनवरी को शामली में यूपी STF ने अरशद, मनजीत (उर्फ जुबैर), सतीश और एक अज्ञात साथी को मुठभेड़ में ढेर किया। अरशद पर 1 लाख रुपये का इनाम था और वह डकैती का वांछित था। इस दौरान STF इंस्पेक्टर सुनील काकरण शहीद हो गए।
अप्रैल: जीतेन्द्र का अंत – 28-29 अप्रैल को मैनपुरी में STF और मैनपुरी पुलिस ने जीतेन्द्र को मारा, जो हत्या और डकैती के 1 लाख रुपये इनाम वाले मामले में वांछित था।
मई: संतोष का खात्मा – 17 मई को कौशाम्बी में संतोष, जो 4 करोड़ की ट्रक लूट और ड्राइवर हत्या का आरोपी था, मुठभेड़ में मारा गया।
गोंडा: सोनू पासी ढेर – 20 मई को सोनौली में सोनू पासी, जो 53 मामलों में वांछित था, पुलिस कार्रवाई में मारा गया।
मई: नवीन कुमार का अंत – 28-29 मई को हापुड़ में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शार्पशूटर नवीन कुमार, जो 20 से अधिक मामलों में वांछित था, STF और दिल्ली पुलिस ने ढेर किया।
पिछले आठ वर्षों में (2017-2025) 222 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए, जिसमें 2024 तक 207 और 2025 में 5 शामिल हैं। 8,118 घायल हुए, 20,221 गिरफ्तार किए गए, और 79,984 पर गैंगस्टर एक्ट, 930 पर NSA लागू हुआ। योगी सरकार ने 66,000 हेक्टेयर जमीन और 142 अरब रुपये की संपत्ति मुक्त कराई। विपक्ष ने मुठभेड़ों को फर्जी बताकर जांच की मांग की, लेकिन पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट दिशानिर्देशों का हवाला देकर बचाव किया।