मोदी, योगी, भागवत… मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी साध्वी प्रज्ञा का छलका दर्द, बोलीं मुझे ये नाम लेने के लिए टॉर्चर किया गया

मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपों से हाल ही में बरी हुई साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि जांच के दौरान उन्हें भयानक टॉर्चर किया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, RSS प्रमुख मोहन भागवत समेत कई अन्य बड़े नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया।

मुंबई की विशेष NIA कोर्ट ने 31 जुलाई को 2008 के इस मामले में साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया था, जिसमें छह लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। कोर्ट ने मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजे का आदेश दिया है।

साध्वी प्रज्ञा का दावा

साध्वी प्रज्ञा ने शनिवार को कहा कि जांच एजेंसियों ने उन पर झूठ बोलने का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने बताया, “उन्होंने मुझसे राम माधव, योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत, इंद्रेश कुमार जैसे लोगों का नाम लेने को कहा। इसके लिए मुझे टॉर्चर किया गया, जिससे मेरे फेफड़े खराब हो गए। मुझे गैरकानूनी तरीके से एक अस्पताल में रखा गया।” उन्होंने आगे कहा, “चूंकि मैं गुजरात में रहती थी, इसलिए उस समय के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी लेने का दबाव था। लेकिन मैंने झूठ नहीं बोला। सच्चाई को दबाया नहीं जा सकता, मैं अपनी पूरी कहानी सामने लाऊंगी।”

प्रज्ञा ने आरोप लगाया कि जांचकर्ताओं ने धमकी दी थी, “इन लोगों का नाम लो, वरना हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।” उन्होंने इस पूरे प्रकरण को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना बताया, जिसके बाद वे लंबे समय तक बीमार रहीं।

कोर्ट का फैसला

17 साल पुराने इस मामले में कोर्ट ने पाया कि अभियोजन पक्ष के पास आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत या विश्वसनीय गवाह नहीं थे। सभी आरोपी पहले से जमानत पर थे और अब पूरी तरह बरी हो गए हैं। ब्लास्ट 29 सितंबर, 2008 को मालेगांव के नासिक जिले में हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।

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