कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली में हुई हिंसक घटनाओं पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए त्वरित कार्रवाई के आदेश दिए। उन्होंने दृढ़ता से कहा कि यूपी में किसी को यह भूलने की इजाजत नहीं कि शासन किसके हाथ में है। एक मौलाना ने सोचा कि धमकियों से व्यवस्था को ठप कर देगा, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि न कर्फ्यू लगेगा और न ही नाकाबंदी होगी। योगी ने जोर देकर कहा कि दी गई सजा इतनी कठोर है कि भविष्य में दंगाइयों की आने वाली पीढ़ियां भी हिंसा की सोचने से पहले सौ बार विचार करेंगी।
सीएम ने बताया कि 2017 से पहले यूपी में दंगे आम थे और कर्फ्यू व नाकाबंदी की स्थिति बनती थी। लेकिन उनकी सरकार ने 2017 के बाद हालात को पूरी तरह संभाला, जिससे राज्य में विकास की नई शुरुआत हुई। उन्होंने जोर दिया कि अब शासन का तरीका सख्ती और कानूनी कार्रवाई पर आधारित है, जो अपराधियों के लिए सबक है।
योगी ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले दंगाइयों को मुख्यमंत्री आवास पर सम्मानित किया जाता था। माफिया और अपराधियों के सामने सत्ता झुकती थी, और नेता इनके साथ हाथ मिलाकर गर्व अनुभव करते थे। अब ऐसी प्रथाएं खत्म हो चुकी हैं। अपराधियों को तुरंत कानून के सामने लाया जाता है, और व्यवस्था को बिगाड़ने की कोई योजना विफल होगी।
बरेली में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर लेकर भीड़ सड़कों पर उतरी थी। मौलाना तौकीर रजा खान के आह्वान पर लोग इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़े। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो हंगामा भड़क उठा। पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल कर भीड़ को तितर-बितर किया और स्थिति को नियंत्रित किया। सावधानी के तौर पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि मौलाना को पहले से नजरबंद रखा गया था।