लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद पर उत्तराखंड सरकार का एक्शन; CM धामी बोले—जिहादी गतिविधियों पर होगी सख्त कार्रवाई

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पूरे राज्य में ‘ऑपरेशन कालनेमि’ चलाया जा रहा है, जो इन दिनों लगातार सुर्खियों में है। यह अभियान कुछ ही दिन पहले शुरू हुआ है और इसका उद्देश्य उन लोगों पर कार्रवाई करना है जो साधु-संत का वेश धारण कर धार्मिक स्थलों पर ठगी, अनैतिक कार्यों या संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं।

आज मुख्यमंत्री धामी ने इस अभियान को लेकर एक तीखा बयान दिया, जिसने राज्य की राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को और तेज़ कर दिया है।


CM धामी: लव जिहाद, थूक जिहाद और लैंड जिहाद पर कड़ी कार्रवाई

एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने ‘ऑपरेशन कालनेमि’ का जिक्र करते हुए कहा:

“हमने लैंड जिहाद, लव जिहाद और थूक जिहाद जैसी घिनौनी सोच के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने वाली जिहादी प्रवृत्तियों पर भी कार्रवाई जारी है।”

उनके इस बयान को राज्य में चल रहे अभियान की दिशा और सरकार की मंशा का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।


250 से अधिक अवैध मदरसे सील, 500 से अधिक अवैध संरचनाएँ हटाई गईं

मुख्यमंत्री धामी ने ऑपरेशन के आंकड़े साझा करते हुए बताया:

  • 250 से ज्यादा गैर-कानूनी मदरसे सील किए जा चुके हैं।

  • 500 से अधिक अवैध ढांचों को हटाया गया है।

उन्होंने कहा कि यदि किसी मदरसे में स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं पढ़ाया जाता है, तो उसकी मान्यता तुरंत समाप्त कर दी जाएगी।

यह बयान राज्य में मदरसों की निगरानी और नियमन को लेकर सरकार की सख्त नीति को दर्शाता है।


लैंड जिहाद के खिलाफ भी बड़ा एक्शन—10,000 एकड़ सरकारी जमीन मुक्त

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के तहत 10,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को कथित लैंड जिहादियों से मुक्त कराया गया है।

उन्होंने कहा:

“यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

सरकार का दावा है कि यह जमीन अवैध कब्जों से मुक्त कराई गई है और आगे भी इस तरह की कार्रवाई लगातार की जाएगी।


अभियान की दिशा और आगे की चुनौती

‘ऑपरेशन कालनेमि’ फिलहाल उत्तराखंड में एक बड़े प्रशासनिक अभियान के रूप में देखा जा रहा है।
सरकार का कहना है कि इसका उद्देश्य धार्मिक प्रतीकों का दुरुपयोग करने वालों, अवैध संरचनाओं और संगठित अनैतिक गतिविधियों पर रोक लगाना है।

वहीं, विपक्ष और कई सामाजिक संगठन इस अभियान को लेकर सवाल भी उठा रहे हैं, लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है कि कार्रवाई किसी भी कीमत पर जारी रहेगी।

 

 

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