जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के बैसारन में 22 अप्रैल को इस्लामी आतंकियों ने 26 निर्दोषों की निर्मम हत्या कर दी। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में आयोजित अपनी पहली जनसभा में देश को भरोसा दिलाया कि इस बार कल्पना से भी परे कार्रवाई होगी।
तब से चौतरफा यही चर्चा है कि आखिर इस बार सरकार क्या करने वाली है? इसका जवाब भी तुरंत मिल गया जब सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक में सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) स्थगित करने का फैसला किया गया।
इस बार भारत का बदला मिजाज
पाकिस्तान के साथ पहले के जंगों में जो कभी नहीं हुआ, उसे मोदी सरकार ने इस बार कर दिखाया। भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल बंटवारे का समझौता हुआ था और तब से भारत अपने हिस्से का ज्यादातर पानी भी पाकिस्तान को देता रहा।
अब ऐसा नहीं होगा। विशेषज्ञ इसे पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया को लेकर मोदी सरकार के इरादे की एक झलक भर बता रहे हैं। तो सवाल है कि क्या इस बार मोदी सरकार सैन्य मोर्चे पर भी कुछ ऐसा करने जा रही है जो अब तक पहले कभी नहीं हुआ था? पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी खुलकर कह रहे हैं कि पीओके आएगा।
इस बार आंकवाद की जड़ काटेगा भारत
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जब तक जड़ नहीं काटा जाएगा तब तक आतंकवाद खत्म नहीं हो सकता। आतंकी संगठन, उनके ट्रेनिंग कैंप्स, आतंकवादी बस टहनियां हैं, इसकी जड़ है पाकिस्तान आर्मी जिसने भारत के खिलाफ आतंकवाद को अपनी ठोस और दीर्घकालिक रणनीति बना चुकी है। इसलिए एक्सपर्ट्स उम्मीद कर रहे हैं कि भारत इस बार जड़ पर ही प्रहार करेगा ताकि हमेशा का झंझट खत्म हो जाए।
विशेषज्ञों के मुताबिक, पहलगाम हमले से मात्र छह दिन पहले पाकिस्तानी सेनाप्रमुख जनरल आसिम मुनीर के बयान भी भारत के लिए इस हमले का बड़ा आधार तैयार करते हैं। उधर, पाकिस्तान से आ रहे बयान भी इस बात के संकेत दे रहे हैं कि भारत की तरफ से इस बार सबसे कठोर कार्रवाई की आशंका उन्हें भी सता रही है।
चौतरफा कमजोर पड़ा पाकिस्तान
आखिर, पाकिस्तान को डर हो भी क्यों नहीं? सिंधु जल समझौता स्थगित करने के साथ ही भारत ने वाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने जैसे भारत के निर्णय सच में पहले की कार्रवाइयों से अलग और कठोर हैं। फिर भारत सरकार ने दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देशों के समूह जी-20 के सभी सदस्य देशों के नई दिल्ली में नियुक्त राजनयिकों से मिलकर पहलगाम हमले पर बात की। यह पाकिस्तान के खिलाफ संभावित कार्रवाइयों को लेकर दुनिया को भरोसे में लेने की भारत की कवायद मानी जा रही है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि बैठक में चीन के राजदूत भी शामिल थे और उन्होंने भी आतंकवादी घटना में निर्दोषों की हत्या किए जाने की निंदा की। दूसरी तरफ, अमेरिका, रूस, इंग्लैंड के साथ तमाम पश्चिमी देशों के अलावा अरब वर्ल्ड के मुस्लिम देशों ने भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया है। फिर भारत अलग-अलग देशों के साथ संपर्क भी साध रहा है।
भारतीय सेनाओं के इशारे समझिए
इधर सैन्य मोर्चे पर भी ऐसी गतिविधियां हो रही हैं जिनसे इस बार आतंकवाद के खिलाफ ऑल आउटर ऑपरेशन की तैयारियों की पुष्टि होती है। मसलन, पहलगाम हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने अचानक एक युद्धाभ्यास किया। और ध्यान दीजिए कि युद्धाभ्यास का नाम रखा गया- आक्रमण। क्या यह पाकिस्तान या पाकिस्तानी सेना पर आक्रमण की तैयारियों
की तरफ इशारा है? फिर भारतीय नौसेना अपने एक्स पोस्ट में विध्वंसक जंगी जहाजों के एक बेड़े की तस्वीर के साथ लिखती है, ‘एकता में ही बल है। उद्देश्य के साथ मौजूदगी।’ इस पोस्ट के हैशटैग्स साफ इशारा कर रहे हैं- मिशन रेडी, कभी भी कहीं भी किसी भी सूरत में।
क्या हमारी सेनाएं कुछ इशारा कर रही हैं?
अब सरकार के एक और कदम पर गौर कीजिए। सूचना प्रसारण मंत्रालय ने मीडिया चैनलों को एडवाइजरी जारी कर रहा है कि वो सेना की रणनीतियों, सैनिकों की मूवमेंट आदि की लाइव रिपोर्टिंग नहीं करे ताकि दुश्मन को अनजाने में मदद न मिल जाए। मतलब सेना की मूवमेंट होने वाली है।
पाकिस्तान के टूटने के पूरे आसार: कमर आगा
अब एक्सपर्ट्स को क्या लग रहा है, इसकी भी बात कर लेते हैं। जाने-माने रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा कहते हैं कि इस बार पाकिस्तान के टूटने के पूरे-पूरे आसार हैं। उनका कहना है कि सरकार, अर्थव्यवस्था, विदेश नीति से लेकर तमाम क्षेत्रों में भारत पहले से बहुत मजबूत है जबकि पाकिस्तान के लिए ठीक उलट है। पाकिस्तान आज हर मोर्चे पर अपने इतिहास के सबसे कमजोर स्थिति में है। आगा कहते हैं कि मोदी सरकार बहुत बड़ा करेगी, इसमें कोई संदेह नहीं लेकिन उसका तरीका क्या होगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
कमर आगा कहते हैं कि भारत हमेशा विकासवादी सिद्धांत पर आगे बढ़ता रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब रूस-यूक्रेन युद्ध पर कहा कि अब युद्ध का काल नहीं है, तो उसमें भी भारत की इसी मानसिकता की झलक थी। इसलिए मोदी सरकार पाकिस्तान से लंबा युद्ध तो नहीं लड़ेगी जो भी होगा फटाफट होगा और पाकिस्तान हैरान रह जाएगा। आगा ने कहा कि भारत सराकर कुछ ऐसा कर सकती है जिससे पाकिस्तान की कमजोरी इतनी बढ़ जाए कि बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तुनख्वाह अपने को स्वतंत्र घोषित कर दें। इस तरह पाकिस्तान के चार टुकड़े करने की पुरानी मांग पूरी हो जाएगी।
उधर, भारतीय थल सेना अपने एक्स पोस्ट में लिखती है, ‘हमेशा तैयार, हमेशा चौकन्ना।’ इस पोस्ट में 28 सेकंड का एक वीडियो है जिसमें भारतीय सैनिक विमान से समुद्र में छलांग लगा रहे हैं। फिर वीडियो में लिखा आता है- अभियान के लिए पूरी तरह तैयार।