झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और दिल्ली के प्रतिष्ठित सर गंगाराम अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। अस्पताल ने सुबह 8:56 बजे उन्हें मृत घोषित किया, जिसके साथ ही झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया।
शिबू सोरेन लंबे समय से स्वास्थ्य से जूझ रहे थे और किडनी से संबंधित गंभीर समस्याओं से पीड़ित थे। लगभग डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। पिछले एक महीने से वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे, जहां चिकित्सकों की एक विशेषज्ञ टीम उनकी देखभाल कर रही थी। नेफ्रोलॉजी विभाग के चेयरमैन डॉ. एके भल्ला के नेतृत्व में न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों ने उनके इलाज के लिए दिन-रात प्रयास किए, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका।
गंगाराम अस्पताल की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया, “दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन हो गया। वे 19 जून से हमारे नेफ्रोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. एके भल्ला की देखरेख में भर्ती थे। हमारी मेडिकल टीम ने हर संभव कोशिश की, लेकिन 4 अगस्त को सुबह 8:56 बजे उनका निधन हो गया। इस दुखद घड़ी में उनके परिवार, करीबी रिश्तेदारों, समर्थकों और झारखंड के समस्त लोगों के प्रति हमारी हार्दिक संवेदना है।” बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि उनके निधन के समय उनका परिवार उनके साथ मौजूद था, जो इस कठिन समय में उनका भावनात्मक सहारा बना।
शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन झारखंड आंदोलन से जुड़ा रहा, जहां उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और JMM की स्थापना की। उनकी मृत्यु से न केवल उनकी पार्टी बल्कि पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार और विभिन्न राजनीतिक दलों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है, और उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।