दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण कार ब्लास्ट की जांच में नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को मिले CCTV फुटेज से पता चला है कि धमाके में इस्तेमाल हुई हुंडई I-20 कार विस्फोट से करीब तीन घंटे पहले सुनहरी मस्जिद के पास पार्किंग में खड़ी थी। कार की यह संदिग्ध गतिविधि अब जांच का मुख्य आधार बन गई है।
इस ब्लास्ट में 8 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। धमाके के बाद NSG, NIA और दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीमें घटनास्थल से साक्ष्य इकट्ठा कर रही हैं। शुरुआती इनपुट के मुताबिक इस हमले का रिश्ता फरीदाबाद में पकड़े गए आतंकी मॉड्यूल और पुलवामा लिंक से जुड़ सकता है।
तीन घंटे पार्किंग में रही कार, चार मिनट बाद विस्फोट
जांच में सामने आया है कि कार 10 नवंबर 2025 को दोपहर 3:19 बजे सुनहरी मस्जिद की पार्किंग में दाखिल हुई थी और 6:48 बजे तक वहीं खड़ी रही। पार्किंग से निकलने के केवल चार मिनट बाद, शाम 6:52 बजे, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मार्ग पर ट्रैफिक सिग्नल के पास कार के पिछले हिस्से में जोरदार विस्फोट हुआ। धमाका इतना शक्तिशाली था कि लाल किला मेट्रो स्टेशन की खिड़कियां टूट गईं और आसपास खड़ी कई गाड़ियों में आग लग गई।
फरीदाबाद का डॉक्टर उमर बना शक के घेरे में
जांच एजेंसियों को शक है कि इस हमले में फरीदाबाद के डॉक्टर उमर का हाथ हो सकता है, जिसे हाल ही में आईईडी मॉड्यूल में पकड़ा गया था। प्रारंभिक इनपुट में उसके सुसाइड बॉम्बर होने की संभावना जांच के दायरे में है।
वहीं कार हरियाणा के गुरुग्राम नॉर्थ आरटीओ में मोहम्मद सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसने कबूल किया है कि उसने यह कार पुलवामा निवासी तारिक को बेची थी। कार कई हाथों से गुज़री और इसमें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल हुआ, जिससे संदेह और गहरा हो गया है।
जांच एजेंसियां अब डॉक्टर उमर, तारिक और सलमान के बीच कनेक्शन तलाशने में जुटी हैं।
