राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लिए इस साल का विजयादशमी खास महत्व रखता है, क्योंकि संगठन अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर रहा है। गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को नागपुर के रेशमबाग मैदान में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजा कर समारोह की शुरुआत की। इस दौरान पारंपरिक और आधुनिक हथियारों की प्रभावशाली झांकी प्रस्तुत की गई, जो संघ की शक्ति और समर्पण को दर्शाती है।
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि संघ की यात्रा 1925 में कुछ समर्पित स्वयंसेवकों से शुरू हुई थी, जो आज विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन बन चुका है। इस शताब्दी समारोह में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक पल में भाग लिया।
भागवत ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया और अमेरिका की नई टैक्स नीति पर चिंता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि आयात पर निर्भरता कमजोरी है, और स्वदेशी उत्पादों को अपनाना ही प्रगति का मार्ग है। सभी मित्र देशों के साथ संबंध मजबूत रखने की सलाह देते हुए, उन्होंने हिंदू एकता पर जोर दिया। उन्होंने समाज में जाति या धर्म के नाम पर विभाजन से बचने की अपील की और सभी हिंदुओं से एकजुट होने का आग्रह किया।
भागवत ने भारतीय सेना और सरकार की सराहना की, खासकर पहलगाम हमले के जवाब को सराहा, जो सेना की वीरता को दर्शाता है। उन्होंने गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को याद करते हुए उनके बलिदान को हिंदू समाज की रक्षा का प्रतीक बताया। साथ ही, नेपाल में अशांति और बांग्लादेश के हालात पर चिंता व्यक्त की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने RSS को शताब्दी वर्ष की बधाई दी। शाह ने कहा कि संघ आज विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन बनकर उभरा है, जो राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित है। गोयल ने भी संघ के योगदान को सराहा और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।