नई दिल्ली, 27 जून 2025: क्या सोनिया गाँधी पर चोरी का मुकदमा दर्ज होगा? यह सवाल तब उठा जब सरकार ने जवाहरलाल नेहरू के निजी दस्तावेजों को लेकर बड़ा कदम उठाने की तैयारी की है।
सरकार का दावा है कि सोनिया गाँधी ने 2008 में नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (NMML) से नेहरू के 51 कार्टन पेपर्स, जिसमें एडविना माउंटबेटन और अरुणा आसफ अली जैसे लोगों के साथ उनकी चिट्ठियाँ शामिल हैं, अपने पास ले लिया था। ये दस्तावेज नेहरू के परिवार ने संग्रहालय को दान किए थे, लेकिन अब सरकार इन्हें ‘राष्ट्रीय धरोहर’ मानकर वापस लाने की कोशिश में है।
इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) सोसाइटी की 47वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) 23 जून, 2025 को हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। मीटिंग में सभी सदस्यों ने सहमति जताई कि ये कागजात राष्ट्रीय संग्रहालय का हिस्सा होने चाहिए, क्योंकि यही उनकी सही जगह है। सोनिया गाँधी उस समय यूपीए सरकार में NMML सोसाइटी की अध्यक्ष थीं, जब ये दस्तावेज लिए गए। पिछले साल PMML ने फैसला लिया था कि भविष्य में दान किए गए निजी कागजात पर अनिश्चितकालीन गोपनीयता की शर्तें नहीं लगाई जा सकतीं।
अब सरकार इस मामले को अदालत में ले जाने की योजना बना रही है। सवाल यह भी उठ रहा है कि ये ‘निजी संग्रह’ कितने निजी हैं और इन्हें सार्वजनिक करने की जिम्मेदारी किसकी है? सूत्रों के अनुसार, दान किए गए दस्तावेज संग्रहालय की संपत्ति माने जाते हैं, और इन्हें वापस न करना कानूनी रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यह मामला राजनीतिक और ऐतिहासिक दोनों स्तरों पर बहस को जन्म दे सकता है।