भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे एक पत्र में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और डॉक्टरों की सलाह का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(अ) के तहत यह कदम उठाया। अपने पत्र में धनखड़ ने कहा, “स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और चिकित्सा सलाह पर अमल करते हुए, मैं तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दे रहा हूँ।” उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।
धनखड़ ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए लिखा कि संसद के माननीय सदस्यों से मिला प्यार, विश्वास और सम्मान उनके दिल में हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा, “उपराष्ट्रपति के रूप में इस महान लोकतंत्र में बिताए पलों और अनुभवों के लिए मैं बेहद आभारी हूँ। भारत के आर्थिक विकास और बदलाव के इस ऐतिहासिक दौर का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व और संतुष्टि का विषय रहा।” उन्होंने देश के उज्ज्वल भविष्य और वैश्विक प्रगति पर दृढ़ विश्वास जताते हुए पत्र का समापन किया।
कार्यकाल पूरा न कर पाने वाले उपराष्ट्रपति
जगदीप धनखड़ ऐसे तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं, जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। इससे पहले, कृष्ण कांत ने 21 अगस्त 1997 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, लेकिन 27 जुलाई 2002 को उनके निधन से कार्यकाल अधूरा रह गया। इसी तरह, वराहगिरि वेंकट गिरि ने 1969 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। धनखड़ का इस्तीफा राजनीतिक और स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर चर्चा को तेज कर सकता है।