हाल ही में बांग्लादेश के प्रसिद्ध जशोरेश्वरी काली मंदिर से मां काली का कीमती मुकुट चोरी हो गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दौरे के दौरान उपहार स्वरूप भेंट किया था। यह घटना बांग्लादेश सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है, खासकर जब इसे धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखा जा रहा है। जशोरेश्वरी मंदिर बांग्लादेश के सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक है, जहां यह चोरी की घटना हुई है।
यह मंदिर सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण माना जाता है, और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भेंट किया गया मुकुट इसकी धार्मिक प्रतिष्ठा को और बढ़ाता है। बांग्लादेश में इस चोरी की घटना के बाद से युनूस सरकार पर सवाल उठ रहे हैं कि वे इस महत्वपूर्ण उपहार को सुरक्षित रखने में नाकाम क्यों रही। इससे हिंदू समुदाय में भी नाराजगी फैल रही है, क्योंकि यह चोरी उनके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली मानी जा रही है।
सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और स्थानीय प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा कड़ी कर दी है। चोरी की इस घटना से भारत और बांग्लादेश के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक आदान-प्रदान की संवेदनशीलता भी उजागर हो रही है।
51 शक्ति पीठों में से एक
श्यामनगर पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर तैजुल इस्लाम ने बताया, ‘हम मंदिर के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं ताकि चोर की पहचान हो सके. चोरी हुआ मुकुट भक्तों के लिए काफी धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि जेशोरेश्वरी मंदिर भारत और पड़ोसी देशों में फैले 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है.
2021 में मोदी ने गिफ्ट किया था
यह घटना नवरात्रि के दौरान हुई है, जो कि एक हिंदू त्योहार है. इसमें देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें मां काली के रूप में भी पूजा जाता है. प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2021 में अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान जेशोरेश्वरी मंदिर को यह मुकुट भेंट किया था. उन्होंने एक प्रतीकात्मक संकेत के रूप में मां देवी के सिर पर मुकुट रखा था.
क्यों खास है यह मंदिर
सातखिरा के ईश्वरीपुर में स्थित यह जेशोरेश्वरी मंदिर अनारी नामक एक ब्राह्मण द्वारा 12वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में बनाया गया था. जिन्होंने जशोरेश्वरी पीठ के लिए 100 दरवाजों वाला मंदिर बनवाया था.बाद में इसका जीर्णोद्धार 13वीं शताब्दी में लक्ष्मण सेन ने करवाया था और अंततः 16 वीं शताब्दी में राजा प्रतापदित्य ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया था.
PM मोदी ने क्या वादा किया था?
अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि भारत इस मंदिर में एक बहुउद्देशीय सामुदायिक हॉल का निर्माण करेगा. स्थानीय लोगों के लिए सामाजिक, धार्मिक और शैक्षणिक आयोजनों के लिए इसके उपयोग पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि यह चक्रवात जैसी आपदाओं के समय सभी के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में कार्य करेगा.