Waqf Amendment Bill: देर रात 13 घंटे से चली मैराथन बहस के बाद वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया। बिल के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े हैं। इससे पहले लोकसभा में भी यह बिल लंबी चर्चा के बाद पारित हुआ था। अब इसे कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की स्वीकृति का इंतजार है।
चर्चा के दौरान बीजू जनता दल (BJD) ने अपने सांसदों के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया, यह कहते हुए कि वे ‘अंतरात्मा की आवाज’ सुनकर फैसला लें। वहीं, BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने बहस के दौरान कहा कि वक्फ बोर्ड ने कभी ताजमहल पर भी दावा किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी।
10 प्वाइंट्स में जानिए पूरी कहानी
- 13 घंटे लंबी बहस: (3 अप्रैल) दोपहर 1 बजे शुरू हुई चर्चा रात 2:32 बजे खत्म हुई, विपक्ष ने बिल का कड़ा विरोध किया।
- 128 vs 95 वोटों से मंजूरी: मोदी सरकार ने संख्याबल के दम पर राज्यसभा में बिल पारित किया।
- लोकसभा पहले ही कर चुकी थी पास: लोकसभा में 288 वोटों से बिल को हरी झंडी मिल चुकी थी।
- विपक्ष ने बताया असंवैधानिक: विपक्ष ने बिल को मुस्लिम विरोधी बताया और सरकार ने इसे ऐतिहासिक सुधार कहा है।
- रिजिजू का पलटवार: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि, बिल से किसी मुस्लिम का नुकसान नहीं होगा, बल्कि पारदर्शिता बढ़ेगी।
- वक्फ बोर्ड रहेगा सेक्युलर: सरकार ने दावा किया है कि, वक्फ बोर्ड में नॉन-मुस्लिम्स की भागीदारी से फैसलों की गुणवत्ता बढ़ेगी।
- नॉन मुस्लिम भी रहेंगे: सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 22 मेंबर होंगे जिसमें 4 से ज्यादा नॉन मुस्लिम नहीं होंगे।
- संशोधनों के बाद पारित: संयुक्त संसदीय समिति (JPC) और हितधारकों के सुझावों को शामिल किया गया।
- राष्ट्रपति की मंजूरी बाकी: अब सिर्फ राष्ट्रपति की सहमति का इंतजार है, फिर यह कानून बनेगा।
- वोटिंग के दौरान नजारा: देर रात विपक्ष के कुछ सांसद सभापति जगदीप धनखड़ को देख हैरान रह गए, लेकिन आखिर में वोटिंग में सरकार की जीत हुई।
- मोदी सरकार की बड़ी परीक्षा पास: मोदी सरकार ने राज्यसभा की सबसे बड़ी चुनौती भी पार कर ली है, अब सरकार के एजेंडे का अहम कानून बनने की ओर।