वक्फ बिल पास होते ही एक्शन में आई योगी सरकार, 132140 संपत्तियों के खंगाले जा रहे रिकॉर्ड, इन जमीनों को जब्त करने का आदेश

लोकसभा और राज्य सभा से वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. प्रदेश में अवैध तरीके से घोषित वक्फ संपत्तियों को जब्त किया जाएगा. इसके लिए जिलाधिकारियों को अभियान चलाकर इन संपत्तियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं.

बता दें कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में सिर्फ 2963 वक्फ संपत्तियां ही दर्ज हैं, यूपी में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 124355 और शिया वक्फ बोर्ड की 7785 संपत्तियां हैं. यूपी राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में सुन्नी वक्फ बोर्ड की 2533 और शिया वक्फ की 430 संपत्तियां ही दर्ज हैं. सरकार को लगता है कि सरकारी जमीनों को अवैध तरीके से वक्फ घोषित किया गया है. जिसमें बड़े पैमाने पर खलिहान, तालाब, पोखर जैसी संपत्तियों को वक्फ घोषित किया गया है. जबकि किसी के द्वारा दान की गई संपत्ति को ही वक्फ माना जा सकता है. अब अवैध रूप से वक्फ घोषित की गई इन संपत्तियों पर कार्रवाई होगी.

वक्फ की गई सरकारी सम्पत्तियों का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं

अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में वक्फ घोषित की गई 98 प्रतिशत संपत्तियों में किसी का कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है. इनमें अधिकार जमीनें ग्राम समाज की है, जिनमें खलिहान, तालाब, पोखर जैसी सम्पत्तियां शामिल है. अधिकारियों का कहना है कि ऐसी जमीनों को वक्फ नहीं माना जा सकता है. इन्हें चिन्हित कर जब्तीकरण किया जाएगा.

यूपी के इन शहरों में सर्वाधिक वक्फ की संपत्ति

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी, सीतापुर, बरेली, जौनपुर, सहारनपुर, बिजनौर, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, मुरादाबाद और रामपुर जिले शामिल हैं. अब इन जिलों के जिलाधिकारी वक्फ जमीनों का सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेंगे, जिसके बाद नए बिल के अनुसार एक्शन लिया जाएगा.

समाजवादी पार्टी ने कहा- हमारा डर सही निकला

समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि हमने पहले ही इस बात की आशंका व्यक्त की थी. आज सुबह राज्य सभा से बिल पास हुआ और सरकार को पता चल गया कि कहां कहां कब्ज़ा है. उधर बीजेपी प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि सरकार का यह दायित्व है कि वह उन सरकारी संपत्तियों को चिन्हित करे जिस पर कब्ज़ा है. अगर दस्तावेज हैं तो कोई बात नहीं, अगर नहीं हैं तो जब्त की जानी चाहिए। विवाद की स्थिति में कोर्ट जाने का भी प्रावधान है.

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