राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के पास स्थित 800 साल पुराने अढ़ाई दिन का झोपड़ा में हिंदुओं के बाद अब जैन समाज ने अपना दावा ठोंक दिया है. हिंदुओं की तरफ से पहले यह दावा किया गया था कि यहां पर संस्कृत महाविद्यालय था और अब जैन समाज के सुनील सागर महाराज ने जैन स्थल होने का दावा किया है.
मंगलवार को जैन समाज के महाराज सुनील सागर फव्वारा सर्कल से दरगाह बाजार होते हुए अढ़ाई दिन का झोपड़ा पहुंचे. जैन समाज के अनुसार अढ़ाई दिन का झोपड़ा पूर्व में संस्कृत विद्यालय होने से भी पहले एक जैन मंदिर या स्थल था, जिसको लेकर आज उन्होंने साक्ष्य भी जुटाए. अढ़ाई दिन का झोपड़ा में मूर्तियां भी देखने को मिलीं.
जैन संत सुनील सागर जी महाराज ने कहा कि इतिहास समय-समय पर बदलता रहता है ऐसे में सभी को उदारता रखनी चाहिए. अढ़ाई दिन का झोपड़ा, झोपड़ा नहीं एक ऐतिहासिक वास्तुकला व महल का स्थान था. लेकिन अभी यह मस्जिद के रूप में दिखाई दे रहा है. यहां कई ऐतिहासिक मूर्तियां भी स्थापित थीं, जिन्हें खंडित किया गया. सबकी अपनी-अपनी मान्यता और धारणाएं होती हैं, विरासत की सुरक्षा बनी रहे ऐसे में शांति और सद्भावना की आवश्यकता है.
संतो के झोपड़ा में प्रवेश के दौरान स्थानीय मौलाना द्वारा उन्हें रोकने का भी प्रयास यह कहते हुए किया गया की आप नग्न अवस्था में अंदर प्रवेश नहीं कर सकते, जिस पर विश्व हिंदू परिषद के मौजूद पदाधिकारीयों ने हस्तक्षेप करते हुए उन्हें कहा की हमारे संत ऐसे ही रहते हैं, आपको कोई आपत्ती है या जिसको आपत्ति है यह उनकी समस्या है. इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के साथ पुलिस के जवान भी मौजूद रहे.