बिजनौर के गांव फरीदपुर काजी उर्फ खेड़की निवासी नसीम (पुत्र शमीम) मोहाली में कारपेंटर का काम करता था. इस दौरान उसकी मुलाकात वहीं की रहने वाली रोशनी से हो गई. रोशनी पहले से शादीशुदा थी.
आरोप है कि नसीम ने अपना नाम आकाश बताया और रोशनी से दोस्ती कर ली. फिर उसको शादी का झांसा देकर अपने प्रेमजाल में फंसा लिया. पहले उसका पति से तलाक कराया और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार नसीम उर्फ आकाश ने रोशनी के साथ शादी कर ली.
शादी के कुछ दिन बाद नसीम उर्फ आकाश मोहाली से फरार हो गया और दो महीने तक नहीं लौटा. रोशनी जैसे-तैसे नसीम उर्फ आकाश को तलाशते हुए 16 जुलाई को बिजनौर में उसके गांव फरीदपुर काजी उर्फ खेड़की पहुंची तो मामले का खुलासा हुआ. हालांकि, यहां भी नसीम नहीं मिला.
उधर, नसीम के परिजनों ने रोशनी को यह कहते हुए साथ रखने से मना कर दिया कि वो दूसरे धर्म की है. उन्होंने रोशनी पर इस्लाम धर्म अपनाने का जोर डाला और कहा कि ऐसा करने पर वो नसीम से निकाह करा देंगे और अपना लेंगे. लेकिन रोशनी ने इससे इनकार कर दिया. जिसपर नसीम के परिजनों ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया और अभद्रता करते हुए उसको भगा दिया.
मजबूर होकर रोशनी ने 27 जुलाई को बिजनौर में हिंदू संगठन के लोगों से संपर्क किया और उन्हें अपनी पूरी आपबीती सुनाई. इसके बाद हिंदू संगठन के लोग रोशनी को लेकर थाने पहुंचे और पुलिस से रिपोर्ट लिखने की मांग की. लेकिन शादी/विवाद का घटनास्थल चंडीगढ़ का मोहाली होने के कारण पुलिस ने थोड़ी टाल मटोली की. जिसके चलते हिंदू संगठन और पुलिस के बीच नोकझोक हो गई.
बाद में मामला बढ़ने के बाद पुलिस ने युवती की तहरीर पर नसीम और उसके परिजनों पर नाम और धर्म बदलकर शादी करने व जबरन धर्म परिवर्तन कराने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. फिलहाल, देर शाम को पुलिस ने आरोपी नसीम उर्फ आकाश को गिरफ्तार कर लिया जबकि उसके परिजन अभी भी फरार हैं. उनकी तलाश पुलिस लगातार की जा रही है.