‘आपातकाल के दौरान प्रस्तावना में जो शब्द जोड़े गए, वे नासूर हैं…’ संविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ जोड़ने पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की आपत्ति
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संविधान की प्रस्तावना में आपातकाल (1975-77) के दौरान जोड़े गए शब्दों—‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’, और ‘अखंडता’—को ‘नासूर’ करार देते हुए तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावना संविधान की आत्मा है, जो अपरिवर्तनीय होनी चाहिए, लेकिन 1976 के 42वें संशोधन द्वारा इन शब्दों को जोड़कर संविधान निर्माताओं की मंशा के साथ ‘विश्वासघात’ किया […]