महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है। इस जीत ने 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन की कमी को दूर कर दिया और पार्टी के कार्यकर्ताओं और महायुति (Mahayuti) के समर्थकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी। यह चुनाव न केवल भाजपा के लिए एक बड़ी जीत है, बल्कि इसने महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ भी लिया है।
BJP और महायुति की रणनीति
महाराष्ट्र में भाजपा की जीत को कई कारकों से जोड़ा जा सकता है, लेकिन एक महत्वपूर्ण पहलू था पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस का रणनीतिक निर्णय, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का पूरा समर्थन लिया। फडणवीस ने अपनी राजनीति में संघ के मार्गदर्शन को पूरी तरह से स्वीकार किया और इसे अपने चुनावी अभियान का अहम हिस्सा बनाया। RSS का समर्थन भाजपा के लिए मजबूती का स्रोत बना, जिसने पार्टी को राज्य के विभिन्न हिस्सों में मजबूती से स्थापित किया।
देवेंद्र फडणवीस की नेतृत्व शैली ने पार्टी को न केवल चुनावी रणनीति में बेहतर दिशा दी, बल्कि उन्होंने महायुति के साथ मिलकर गठबंधन की ताकत को भी बढ़ाया। महायुति के तहत भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और अन्य छोटे सहयोगी दलों ने मिलकर चुनावी मैदान में उतरी और राज्यभर में अपनी ताकत दिखाई।
चुनाव प्रचार की सफलता
भा.ज.पा. का चुनाव प्रचार मजबूत और व्यापक था। पार्टी ने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अच्छे शासन के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों, जैसे सड़क निर्माण, शहरीकरण और कृषि सुधारों को जनता के बीच सही तरीके से प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा, भाजपा ने अपने विपक्षी दलों के खिलाफ आक्रामक प्रचार किया और राज्य में उनकी सरकार के विफलताओं को उजागर किया।
RSS का समर्थन पार्टी के लिए और भी फायदेमंद साबित हुआ। संघ के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के अभियान को राज्यभर में मजबूत किया, और इसने भाजपा के प्रचार को घर-घर तक पहुंचाया। संघ के साथ तालमेल ने भाजपा को न केवल शहरी इलाकों में, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी मजबूती प्रदान की।
महायुति का जनादेश
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महायुति का समर्थन और भाजपा का नेतृत्व एक निर्णायक फैक्टर बना। चुनाव के परिणामों ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य की जनता ने भाजपा के विकास और अच्छे शासन के वादे को समर्थन दिया। महायुति के भीतर भाजपा की निर्णायक स्थिति और अच्छे संगठनात्मक काम ने पार्टी को भारी जीत दिलाई।
पीएम मोदी का नारा दोहराया, नतीजे से पहले संघ प्रमुख से मुलाकात
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की बढ़त पर देवेंद्र फडणवीस ने पहली प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा ‘एक हैं तो सेफ हैं’ को दोहराया।
इसके साथ ही उन्होंने ‘मोदी है तो मुमकिन है’ का मशहूर नारा भी जोड़ दिया। वहीं, भाजपा के पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट से जीते फडणवीस ने चुनाव से पहले, प्रचार अभियान के दौरान और नतीजे से ठीक पहले संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत समेत कई पदाधिकारियों से मुलाकात से अपनी रणनीति जाहिर कर दी।
नतीजे के फौरन बाद के मुकाबले चुनाव से पहले कैसी थी रणनीतियां?
देवेंद्र फडणवीस के ये सारे कदम तो महाराष्ट्र चुनाव नतीजे के फौरन बाद की रणनीति है। इसके पहले देखें तो हरियाणा विधानसभा चुनाव की तरह महाराष्ट्र में भी आरएसएस और उससे जुड़े सभी संगठनों से पूरा सहयोग सुनिश्चित करना, महायुति गठबंधन में समझौते के दौरान भाजपा के लिए सम्मानजनक सीटें हासिल करना, पिछली बार यानी विधानसभा चुनाव 2019 और लोकसभा चुनाव 2024 की गलतियों को नहीं दोहराना।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अपना नाम चलाए जाने पर खामोशी बनाए रखना, एकनाथ शिंदे सरकार में लो प्रोफाइल रहते हुए भी सरकार पर सीधी और पक्की पकड़ बनाए रखना जैसे कई रणनीतिक कदमों से फडणवीस लक्ष्य की ओर बढ़ते गए.
महाराष्ट्र की राजनीति में बदलाव
भा.ज.पा. की इस ऐतिहासिक जीत ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण स्थापित किए हैं। अब भाजपा का दबदबा राज्य के हर कोने में देखने को मिल रहा है। विपक्षी दलों को भाजपा की बढ़ती ताकत के खिलाफ रणनीति बनाने में कठिनाई हो सकती है। महाराष्ट्र में भाजपा के बढ़ते प्रभाव ने राज्य के राजनीति में लंबे समय तक बदलाव की संभावना को जन्म दिया है।
इस चुनावी जीत ने यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा और महायुति का गठबंधन न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे देश में भारतीय राजनीति की दिशा तय करेगा। 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी रणनीतिक सोच, नेतृत्व और संघ के समर्थन के साथ जो रिकॉर्ड जीत हासिल की, उसने पार्टी को राज्य में मजबूत और स्थिर स्थिति में ला खड़ा किया है।