केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने रविवार को दावा किया कि देश में लोकसभा चुनाव से पहले नागरिक संशोधन अधिनियम (CAA) लागू कर दिया जाएगा। उनके इस दावे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्षी दलों ने इस दावे का विरोध किया है और कहा है कि यह सांप्रदायिकता को बढ़ावा देगा।
क्या है CAA?
CAA एक विवादास्पद कानून है जिसे 2019 में संसद में पारित किया गया था। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान करता है।
CAA को लेकर विवाद
CAA का विरोध करने वाले लोग इसे सांप्रदायिक कानून बताते हैं और कहते हैं कि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करता है। वे CAA को लागू होने से रोकने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
CAA को लागू करने की तैयारी
CAA को लागू करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने CAA के नियमों को तैयार कर लिया है और इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया गया है। इसके अलावा, सरकार ने CAA के तहत आने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए एक विशेष तंत्र भी बनाया है।
CAA के लागू होने से क्या होगा?
CAA के लागू होने से देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर बड़ा असर पड़ सकता है। अगर CAA लागू हो जाता है तो इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, इससे देश के संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों पर भी सवाल उठ सकते हैं।
क्या CAA लागू होगा?
अब देखना होगा कि केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर का दावा सच साबित होता है या नहीं। अगर CAA लागू हो जाता है तो यह देश के लिए एक बड़ा राजनीतिक फैसला होगा।