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राजा मेदिनी राय — एक भूला-बिसरा हिंदू योद्धा

भारतीय इतिहास में कुछ नाम ऐसे हैं, जिनका उल्लेख होते ही साहस, स्वाभिमान और स्वतंत्रता की छवि उभर आती है। महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज या राणा सांगा जैसे शासक आज भी जनमानस में जीवित हैं। लेकिन इसी इतिहास में कई ऐसे हिंदू योद्धा भी हैं, जिन्होंने उतना ही दृढ़ प्रतिरोध किया, उतना ही बड़ा […]

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Vijay Diwas 2025: 13 दिन, 93 हजार सैनिक और एक ऐतिहासिक जीत – विजय दिवस की पूरी कहानी

हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत विजय दिवस मनाता है। यह दिन केवल एक सैन्य जीत की याद नहीं है, बल्कि साहस, बलिदान, मानवीय संवेदना और ऐतिहासिक न्याय का प्रतीक है। वर्ष 1971 में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जो निर्णायक विजय हासिल की, उसने न केवल दक्षिण एशिया का भू-राजनीतिक नक्शा बदल दिया, बल्कि

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नितिन नबीन कौन हैं, जिन्हें बीजेपी ने बनाया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष

नितिन नबीन कौन हैं, जिन्हें बीजेपी ने बनाया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष

भारतीय जनता पार्टी ने संगठनात्मक स्तर पर एक अहम और दूरगामी राजनीतिक फैसला लेते हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है जब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर लंबे समय से चर्चाएं चल रही थीं और जेपी नड्डा

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शौर्य दिवस: 6 दिसंबर — आज के ही दिन ढहा दिया गया था बाबरी ढांचा और पवित्र हुई थी श्रीराम की नगरी

सदियों का अपमान — श्रीराम जन्मभूमि का संघर्ष (1528–1992)- 6 दिसंबर की कहानी की जड़ें 6 दिसंबर 1992 की घटना किसी अचानक उपजी स्थिति का परिणाम नहीं थी। यह वह दिन था जिसने 464 वर्षों के निरंतर अपमान, संघर्ष और प्रतीक्षा को एक ऐतिहासिक निष्कर्ष तक पहुँचाया। जिस क्षण 6 दिसंबर आया, उसकी नींव 1528

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1 दिसंबर : कहानी मेजर शैतान सिंह की, पेट फटा, अंतड़ियां बाहर आईं, फिर भी दुश्मन से लड़ते रहे

भारत के इतिहास में कुछ ऐसे क्षण हैं जो सिर्फ किताबों में दर्ज नहीं होते, बल्कि पीढ़ियों के दिलों पर हमेशा के लिए उकेर दिए जाते हैं। 1 दिसंबर का दिन ऐसा ही एक दिन है—एक ऐसी तारीख, जो साहस, बलिदान और अदम्य देशभक्ति की पहचान बन चुकी है। इस दिन हम याद करते हैं

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26/11 के पाँच वीर, जिन्होंने मुंबई को बचाने के लिए जान कुर्बान कर दी

26 नवंबर 2008 — वह तारीख, जिसे भारत कभी भूल नहीं सकता। मुंबई की सामान्य-सी लगने वाली शाम कुछ ही घंटों में भय, चीखों और गोलियों की आवाज़ों में बदल गई। यह वह रात थी जब पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने देश की आर्थिक राजधानी को आतंक के अंधेरे में धकेल दिया। ताज होटल,

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Ram Mandir Dhwajarohan 2025: राम मंदिर पर धर्मध्वज का क्या है धार्मिक महत्व, क्यों खास है 44 मिनट का शुभ मुहूर्त, जानिए

योध्या आज एक ऐतिहासिक क्षण की दहलीज पर खड़ी है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के संपूर्ण निर्माण के बाद पहली बार मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजारोहण होने जा रहा है। सदियों की प्रतीक्षा के बाद मंदिर का वैभव अब धर्मध्वज के आरोहण के साथ पूर्णता को प्राप्त करेगा। राम मंदिर का शिखर जब भगवा रंग

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19 नवंबर: “खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झाँसी वाली रानी थी” – तलवार उठाकर फिरंगियों को खदेड़ने वाली शेरनी रानी लक्ष्मीबाई

19 नवंबर: “खूब लड़ी मर्दानी, वो तो झाँसी वाली रानी थी” – तलवार उठाकर फिरंगियों को खदेड़ने वाली शेरनी रानी लक्ष्मीबाई

19 नवंबर का दिन भारत के इतिहास में सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि वीरता, साहस और आत्मसम्मान की अमर स्मृति है। इस दिन जन्मी थीं वो वीरांगना, जिनका नाम सुनते ही आज भी हर भारतीय गौरव से भर उठता है — रानी लक्ष्मीबाई, झाँसी की वह रणबांकुरी, जिसने अपने छोटे से राज्य के लिए ही

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18 नवंबर: परमवीर मेजर शैतान सिंह की पुण्यतिथि – 124 जांबाज़ों ने 1300 चीनी सैनिकों को ढेर कर अमर गाथा लिखी

रेज़ांग ला: जहाँ धरती ने वीरता को जन्म दिया 18 नवंबर 1962… यह तारीख भारतीय इतिहास का वह अध्याय है जिसे पढ़कर आज भी रोमांच खड़ा हो जाता है। यह दिन केवल एक युद्ध की कहानी नहीं, बल्कि 124 भारतीय वीरों की उस अमर गाथा का स्मरण है जिसने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि

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17 नवंबर: हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे जी की पुण्यतिथि — हिंदुत्व की ज्योति और उनकी अमर विरासत

“एक ऐसे युग-पुरुष की स्मृति, जिसकी आवाज़ दहाड़ बनकर गूँजी और जिसने हिंदुत्व, मराठी स्वाभिमान और राष्ट्रवाद को नई परिभाषा दी।” एक युग-पुरुष की स्मृति और विचारों की लौ 17 नवंबर—यह केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं, बल्कि एक ऐसे युग-पुरुष की स्मृति है जिसने भारतीय राजनीति, हिंदुत्व और मराठी अस्मिता को एक नई पहचान

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