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जब त्रावणकोर ने रोकी टीपू सुल्तान की जिहादी आंधी: हिंदू योद्धाओं ने बदल दिया इतिहास

1789 में जब टीपू सुल्तान की जिहादी आंधी ने दक्षिण भारत को रौंदने की कोशिश की, तब त्रावणकोर के हिंदू योद्धाओं ने ऐसी शौर्य गाथा लिखी कि इतिहास बदल गया। नेदुमकोट्टा की प्राचीरों पर खड़े इन वीरों ने टीपू की विशाल सेना को ललकारा। उनकी तलवारों ने सनातन धर्म की शान को बचाया और हिंदू […]

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1 जुलाई: अमर बलिदानी बीरबल सिंह ढालिया…लाठियां खाईं, गोलियां सहीं, फिर भी थामे रखा तिरंगा और गाते रहे वंदे मातरम्

1 जुलाई 1946 को रायसिंहनगर की धरती पर एक सच्चा देशभक्त तिरंगे की शान के लिए शहीद हो गया। बीरबल सिंह ढालिया, बीकानेर प्रजा परिषद के वीर योद्धा, ने लाठियों की मार और गोलियों की बौछार झेली, पर तिरंगा नहीं छोड़ा। ‘वंदे मातरम्’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए उन्होंने अंतिम सांस

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सिन्धु की रक्षा में जाट वीरों का शौर्य: नादिर शाह को ललकारा, दिल्ली की अस्मिता बचाई

1739 में जब फारस का क्रूर आक्रांता नादिर शाह भारत की धरती को रौंदने आया, तब सिन्धु नदी की पवित्र भूमि पर जाट वीरों ने ऐसी शौर्य गाथा लिखी, जो आज भी हर भारतीय के दिल में गर्व की आग जलाती है। दिल्ली को लूटने और हिंदू स्वाभिमान को कुचलने की मंशा लेकर आए इस

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29 जून: कैप्टन विजयंत थापर…कारगिल में शहीद हो चुके थे सभी साथी, फिर भी अकेले लड़े, विजय पाई और अमर हो गए

29 जून 1999 को कारगिल की बर्फीली चोटियों पर एक सैनिक ने देशभक्ति की ऐसी मिसाल कायम की, जो हर हिंदुस्तानी के दिल में जोश भर देती है। कैप्टन विजयंत थापर, 2 राजपूताना राइफल्स का नन्हा शेर, ने अपने सभी साथियों के शहीद होने के बाद भी दुश्मन से अकेले लोहा लिया। गोलियों की बौछार

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28 जून: दानवीर भामाशाह, जिनके त्याग और दान ने महाराणा प्रताप की वीरता और हिंदू स्वाभिमान को अमर किया

28 जून को हम उस दानवीर भामाशाह को नमन करते हैं, जिनके त्याग ने हिंदू समाज और सनातन धर्म की रक्षा में अनमोल योगदान दिया। एक साधारण ओसवाल जैन व्यापारी, भामाशाह ने अपनी सारी संपत्ति महाराणा प्रताप को सौंपकर मेवाड़ की स्वतंत्रता और हिंदू स्वाभिमान को अमर बनाया। उनके दान ने न केवल प्रताप की

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महाराजा रणजीत सिंह: शेर-ए-पंजाब, जिन्होंने 13 की उम्र में हशमत खाँ को हराया और पंजाब का गौरव बढ़ाया

27 जून को हम उस महावीर को नमन करते हैं, जिन्होंने पंजाब की धरती को अजेय बनाया और सनातन संस्कृति की शान बढ़ाई। महाराजा रणजीत सिंह, जिन्हें शेर-ए-पंजाब कहा जाता है, ने मात्र 13 साल की उम्र में हशमत खाँ जैसे दुश्मन को धूल चटाई और पेशावर तक सिख साम्राज्य का परचम लहराया। उनकी पुण्यतिथि

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रानी चेन्नम्मा: केलादी की शेरनी, जिसने औरंगज़ेब को ललकारा और शिवाजी के बेटे को बचाया

केलादी की छोटी-सी रियासत में जन्मी रानी चेन्नम्मा एक ऐसी वीरांगना थीं, जिन्होंने मुगल बादशाह औरंगज़ेब की ताकत को धूल चटाई। 17वीं सदी में जब औरंगज़ेब का आतंक हिंदुस्तान पर छाया था, तब इस शेरनी ने न सिर्फ़ उसकी धमकियों को ठुकराया, बल्कि मराठा नायक शिवाजी के बेटे राजाराम को अपनी शरण में लेकर मुगलों

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कारगिल शहीद कैप्टन मनोज पांडेय: गोली लगने पर रेंगते हुए पाकिस्तान का चौथा बंकर किया तबाह, ऐसी है परमवीर चक्र विजेता की कहानी

25 जून 2025 को कैप्टन मनोज पांडेय की 50वीं जयंती पर हम कारगिल के इस वीर को सलाम करते हैं। 1999 के कारगिल युद्ध में इस परमवीर चक्र विजेता ने खालूबार चोटी पर गजब का साहस दिखाया। सिर्फ 24 साल की उम्र में गोली लगने के बाद भी खून बहते हुए वे रेंगकर पाकिस्तान का

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इमरजेंसी के 50 साल: इंदिरा गांधी के फैसले ने लोकतंत्र पर लगाया ताला, देश ने झेला सत्ता का अत्याचार

25 जून 2025, आज वह दिन है जब हम स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे काले अध्याय इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ को याद करते हैं। 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने एक ऐसा फैसला लिया, जिसने भारत के लोकतंत्र पर ताला लगा दिया। अगले 21 महीनों तक देश ने सत्ता के अत्याचारों का ऐसा

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24 जून: दामोदर चापेकर जयंती, वामपंथी साजिश को तोड़ा, स्वतंत्रता की मशाल जलाई

24 जून, वह दिन जब भारत माता की गोद में एक ऐसे क्रांतिकारी का जन्म हुआ, जिन्होंने अंग्रेजी गुलामी की जंजीरों को तोड़ने की ठान ली। दामोदर हरि चापेकर, जिनके नाम से अंग्रेजी हुकूमत कांप उठी, वह वीर थे जिन्होंने 1897 में अत्याचारी प्लेग कमिश्नर वाल्टर चार्ल्स रेंड का अंत कर स्वतंत्रता की पहली चिंगारी

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