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भीमदेव सोलंकी: शिव का परम भक्त सम्राट, जिसकी तलवार से गजनवी कांपा और जिसने सोमनाथ मंदिर की रक्षा की

भीमदेव सोलंकी, जो चालुक्य वंश के महान सम्राट थे, हिंदू शौर्य और शिव भक्ति का प्रतीक हैं। उनका जन्म 1022 में हुआ और वे गुजरात के प्रथम शक्तिशाली शासक बने। वे भगवान शिव के परम भक्त थे, जिन्होंने अपनी तलवार से शत्रुओं को परास्त किया। महमूद गजनवी के आक्रमणों के बाद भीमदेव ने सोमनाथ मंदिर […]

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हेमचंद्र विक्रमादित्य: हिंदू शौर्य का महान योद्धा, जिन्होंने पानीपत में मुगलों से लोहा लिया और दिल्ली पर विजय पाई

हेमचंद्र विक्रमादित्य, जिन्हें हेमू के नाम से जाना जाता है, हिंदू शौर्य का एक अनुपम प्रतीक थे। 16वीं सदी में उन्होंने मुगल सत्ता को चुनौती दी और दिल्ली पर कब्जा किया। उनका जन्म 1501 में आलवर, राजस्थान के निकट हुआ था, जहाँ उनके पिता पूरन दास एक हिंदू पुजारी थे। हेमू ने अपनी शुरुआत एक

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सरदार हरि सिंह नलवा: वो योद्धा, जिनके खौफ से अफगानी सलवार पहनते थे और जिनकी तलवार ने हिंद की सीमाओं की रक्षा की

हरि सिंह नलवा का नाम सिख इतिहास में एक अजेय योद्धा के रूप में गूंजता है। 19वीं सदी में उन्होंने अफगान आक्रमणकारियों को हराया और हिंद की सीमाओं की रक्षा की। कहा जाता है कि उनके नाम का खौफ इतना था कि अफगानी डर से सलवार बदलने को मजबूर हो जाते थे। उनकी तलवार ने

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कश्मीर की शौर्यगाथा: अरब आक्रांतों के खिलाफ ललितादित्य को एक वैश्य से मिली सहायता, हिंदू धर्म की रक्षा में किया दान

कश्मीर के इतिहास में एक गौरवशाली अध्याय है जब ललितादित्य मुक्तापीड़ ने अरब आक्रमणकारियों का डटकर मुकाबला किया। इस युद्ध में वैश्य वसुधर ने धन और संसाधन देकर राजा का साथ दिया। यह वैश्य समुदाय का त्याग हिंदू धर्म की रक्षा का प्रतीक बना। कश्मीर की घाटियों में लड़े गए इस संघर्ष ने हिंदू अस्मिता

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7 जुलाई: कारगिल वॉर में पाकिस्तान को आखिरी सांस तक चटाई धूल… और भारत मां की गोद में हमेशा के लिए सो गए कैप्टन विक्रम बत्रा

7 जुलाई 2025 को हम कारगिल के शेर कैप्टन विक्रम बत्रा के बलिदान दिवस को याद करते हैं। उनका जन्म 9 सितंबर 1974 को हिमाचल प्रदेश में हुआ था। वे भारतीय सेना में शामिल हुए और 1999 के कारगिल युद्ध में वीरता दिखाई। Vikram Batra के ‘यह दिल मांगे मोर’ नारे ने कारगिल में हाई

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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी: जनसंघ के संस्थापक और हिंदू स्वाभिमान के लिए बलिदान देने वाले राष्ट्रनायक

6 जुलाई : जन्मजयंती पर राष्ट्रपुत्र डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी को हम याद करते हैं, जिन अमर शहीद के नाम पर हम नारा ‘जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है’ लगाते हैं। उनका जन्म 1901 में कोलकाता में हुआ था। उनकी शिक्षा में गहन प्रवीणता थी और 33 साल की उम्र में वे

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गंगा की लहरों पर गूंजा शौर्यगान: रानी दुर्गावती का वो रणसंग्राम जिसने मुगलों को धूल चटाई

रानी दुर्गावती का नाम हिंदू वीरता का निशान है। 1524 में कालिंजर में चंदेल राजवंश में पैदा हुईं, वे गोंडवाना की रानी बनीं। उनके पति दलपत शाह की मौत के बाद उन्होंने अपने छोटे बेटे विर नारायण के लिए राज संभाला। 1564 में मुगलों से लड़ा गया उनका युद्ध गंगा क्षेत्र के पास गूंजा। 5

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4 जुलाई: स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर नमन, हिंदुत्व और भारतीय संस्कृति के अमर रक्षक की गाथा

जिस महान व्यक्तित्व की आज 4 जुलाई को पुण्यतिथि है, वे अपने विचारों में जीवंत हैं। स्वामी विवेकानंद, जिन्होंने हिंदुत्व को नई दिशा दी, आज भी प्रेरणा के स्रोत हैं। उन्होंने कहा, ‘एक हिंदू का धर्मान्तरण केवल एक हिंदू का कम होना नहीं, बल्कि एक शत्रु का बढ़ना है।’ मजहबी आक्रमण के खिलाफ निर्भीक खड़े

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भारत के हिंदू सागर योद्धा से हारा था यूरोप, शिवाजी महाराज के सैनिक कान्होजी आंग्रे के वीरता की वो कहानी जानिए

भारत के सागर योद्धा से हारा था यूरोप, शिवाजी महाराज के सैनिक कान्होजी आंग्रे के वीरता की वो कहानी जानिए

समुद्र की गहराइयों में एक हिंदू सागर योद्धा ने यूरोप की शक्ति को झुका दिया, जिनका नाम था कान्होजी आंग्रे। शिवाजी महाराज के इस वीर सैनिक ने अंग्रेज, पुर्तगाली और डच जैसी यूरोपीय ताकतों को ललकारा। 1698 से 1729 तक उनकी वीरता ने मराठा समुद्र को अजेय बनाया। उनकी तलवारों ने हिंदू स्वाभिमान को लहराया

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पझासी राजा की गौरवगाथा: इस्लामी आक्रांताओं को ललकारा, अंग्रेजों को हराया, हिंदू शौर्य और बलिदान की अमर कहानी

केरल की धरती पर एक वीर योद्धा ने इतिहास को नई दिशा दी, जिसका नाम है पझासी राजा। इस शेर ने इस्लामी आक्रांताओं की बर्बरता को ललकारा और अंग्रेजों की शक्ति को चुनौती दी। 1793 से 1805 तक उनके हिंदू शौर्य ने वायनाड की रक्षा की। उनकी तलवारों ने सनातन गौरव को बुलंद किया और

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