कांग्रेस, जो एक समय भारत की सबसे बड़ी और प्रभावशाली राजनीतिक पार्टी थी, आजकल विवादों के घेरे में है। भाजपा और कई हिंदू संगठनों ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए उसे ‘नई मुस्लिम लीग’ कहा है। इस विवाद के केंद्र में कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हैं। सवाल उठता है कि क्या इनके बयानों और कार्यों से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंची है, या यह केवल राजनीतिक दुष्प्रचार है?
कांग्रेस पर आरोपों की वजहें
कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का ठप्पा लगाने के पीछे कई घटनाएं और बयान जिम्मेदार हैं।
1. राहुल गांधी के विवादित बयान
- भगवा आतंकवाद का जिक्र: राहुल गांधी के बयान, जिनमें ‘भगवा आतंकवाद’ की बात कही गई, ने हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी पैदा की। इसे हिंदू प्रतीकों का अपमान माना गया।
- जनेऊधारी हिंदू विवाद: 2017 के गुजरात चुनाव में खुद को ‘जनेऊधारी हिंदू’ बताने के बाद भी, कई लोगों को यह कदम केवल राजनीतिक रणनीति लगा।
2. प्रियंका गांधी की मंदिर यात्राएं
- राम मंदिर पर विरोधाभास: प्रियंका गांधी ने राम मंदिर आंदोलन के दौरान कांग्रेस की भूमिका का समर्थन किया। लेकिन उनकी मंदिर यात्राओं को भाजपा ने ‘ढोंग’ करार दिया।
- महाकाल मंदिर यात्रा: उनकी महाकाल मंदिर यात्रा को चुनावी राजनीति का हिस्सा बताया गया।
क्या कांग्रेस केवल मुस्लिमों को खुश करने की राजनीति करती है?
भाजपा और अन्य हिंदू संगठनों का आरोप है कि कांग्रेस, मुस्लिम समुदाय को खुश करने के लिए हिंदू भावनाओं की अनदेखी करती है।
- मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप: कांग्रेस पर आरोप है कि वह मुस्लिम वोट बैंक के लिए काम करती है और हिंदू मुद्दों से दूरी बनाए रखती है।
- हिंदू देवी-देवताओं पर बयान: कुछ कांग्रेस नेताओं के बयान, जैसे ‘राम एक काल्पनिक पात्र हैं’, ने पार्टी की छवि को और खराब किया।
हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए खुद को धर्मनिरपेक्ष पार्टी बताया है। उनका कहना है कि भाजपा ऐसे मुद्दे उठाकर समाज में ध्रुवीकरण करती है।
भाजपा की रणनीति
भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ ‘हिंदू विरोधी’ प्रचार को अपनी रणनीति का बड़ा हिस्सा बनाया है।
- हिंदुत्व का एजेंडा: भाजपा हिंदू भावनाओं को केंद्र में रखकर राजनीति करती है, जबकि कांग्रेस को मुस्लिमों की पार्टी के रूप में पेश करती है।
- राजनीतिक ध्रुवीकरण: भाजपा इस नैरेटिव को मजबूत करने के लिए कांग्रेस के बयानों को बार-बार प्रचारित करती है।
क्या राहुल और प्रियंका छवि बदल सकते हैं?
कांग्रेस को अपनी ‘नई मुस्लिम लीग’ की छवि को बदलने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे। इसके लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की भूमिका अहम होगी।
धार्मिक संतुलन बनाना: केवल चुनाव के समय मंदिर यात्राएं करने के बजाय, कांग्रेस को सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान दिखाना होगा।
स्पष्ट और संतुलित बयान: नेताओं को अपने शब्दों का चयन सावधानी से करना होगा ताकि किसी समुदाय की भावनाएं आहत न हों।
सकारात्मक कार्य: हिंदू समाज के लिए सकारात्मक नीतियों को बढ़ावा देना होगा।
कांग्रेस पर ‘नई मुस्लिम लीग’ का आरोप और हिंदू भावनाओं के अपमान का मुद्दा पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को इस छवि को बदलने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
अगर कांग्रेस यह साबित कर पाती है कि वह सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करती है, तो यह पार्टी के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है। अन्यथा, ‘हिंदू विरोधी’ का ठप्पा कांग्रेस को कमजोर करता रहेगा।