उत्तराखंड में आज से UCC लागू, हलाला होगा बंद, बहुविवाह पर रोक; जानिए और क्या-क्या बदलेगा

उत्तराखंड ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज इसका औपचारिक ऐलान किया। इस घोषणा के साथ, उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां UCC लागू हुआ है।

गृह सचिव शैलेश बगौली ने जानकारी दी कि UCC को लेकर एक वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस पोर्टल के साथ UCC की नियमावली भी जारी की। सभी विभागों के प्रमुख और पुलिस अधिकारियों ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

UCC के तहत होने वाले बड़े बदलाव:

  • शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य: अब हर शादी को कानूनी रूप से पंजीकृत कराना होगा।
  • तलाक के लिए समान कानून: किसी भी धर्म, जाति या समुदाय के लिए तलाक से जुड़े नियम समान होंगे।
  • शादी की न्यूनतम उम्र: सभी धर्मों और जातियों की लड़कियों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
  • बच्चा गोद लेने का समान अधिकार: अब सभी धर्मों में बच्चा गोद लेने का अधिकार मिलेगा।
  • हलाला और इद्दत की प्रथा समाप्त: उत्तराखंड में हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।
  • बहुविवाह पर प्रतिबंध: एक पति-पत्नी के जीवित रहते दूसरा विवाह करना पूरी तरह से अवैध होगा।
  • जायदाद में बराबरी: लड़के और लड़कियों को जायदाद में समान हिस्सेदारी का अधिकार मिलेगा।
  • लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य: अब लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वालों को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
  • लिव-इन में जन्मे बच्चों के अधिकार: लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चों को भी शादीशुदा जोड़ों के बच्चों की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे।
  • शेड्यूल ट्राइब्स को छूट: यूनिफॉर्म सिविल कोड से शेड्यूल ट्राइब को बाहर रखा गया है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) क्या है?

यूनिफॉर्म सिविल कोड का अर्थ है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, या लिंग से संबंधित हों। शादी, तलाक, बच्चा गोद लेने और संपत्ति के अधिकार जैसे मामलों में कोई भेदभाव नहीं होगा।

बीजेपी का वादा और ऐतिहासिक कदम

2022 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने वादा किया था कि उत्तराखंड में UCC लागू करेंगे। सत्ता संभालने के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी और इसके मसौदे को तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।

उत्तराखंड की नई पहचान

UCC लागू करने के साथ ही उत्तराखंड देश में सामाजिक और कानूनी समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाएगा। इस फैसले से राज्य के नागरिकों को समानता का एहसास होगा और यह उत्तराखंड को देश में एक नई पहचान देगा।

उत्तराखंड के इस ऐतिहासिक कदम के बाद, असम समेत कई अन्य राज्यों ने भी इसे मॉडल के रूप में अपनाने की इच्छा जताई है।

यह कदम न केवल राज्य के नागरिकों के लिए न्याय और समानता सुनिश्चित करेगा बल्कि देशभर में इसे सामाजिक और कानूनी सुधार की दिशा में एक उदाहरण के रूप में देखा जाएगा।

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