इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाह के बाद धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर महिला का सिर कलम करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है। सितंबर 2020 में युवती का शव नाले में मिला था। अपराध की गंभीरता को देखते हुए न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की पीठ ने आवेदक शोएब अख्तर की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
सोनभद्र जिला के चोपन थाने में 2020 में अभियोजन पक्ष ने हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। अभियोजन के अनुसार पीड़िता (प्रिया सोनी) ने सह-आरोपी एजाज अहमद से शादी की थी।
इसके बाद एजाज और आवेदक जावेद अख्तर ने उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया। जबकि प्रिया ने मुस्लिम धर्म अपनाने से इनकार कर दिया। बार-बार कहने के बाद भी जब प्रिया ने धर्म परिवर्तन से इनकार करती रही, तो एजाज और अख्तर ने कथित तौर पर उसकी हत्या कर दी। पुलिस को 21 सितंबर को एक नाले के पास युवती का कटा सिर व शव मिला था। दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
आवेदक शोएब की पहली जमानत याचिका जनवरी में उच्च न्यायालय ने इस आधार पर खारिज कर दी थी कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक की मौत गर्दन के शरीर से अलग होने के कारण हुई थी। याची ने इस आधार पर दूसरी जमानत याचिका दायर की कि सह-आरोपी एजाज अहमद (पीड़िता के पति) को अक्तूबर 2023 में जमानत मिल गई।
अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि सह-अभियुक्त एजाज ने जनवरी 2023 के आदेश को छिपाकर जमानत प्राप्त की थी जिसमें अख्तर की जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। अपराध जघन्य प्रकृति का है, इसलिए अपराध की गंभीरता को देखते हुए आवेदक की जमानत अर्जी खारिज किए जाने योग्य है।
कोर्ट ने पक्षों के वकीलों को सुनने और मामले की समग्रता में जांच करने के बाद आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। वहीं, कोर्ट ने सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई की तारीख पर अभियोजन पक्ष के सभी शेष गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। ट्रायल कोर्ट को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह मुकदमे को शीघ्रता से पूरा करें, किसी भी पक्ष को कोई स्थगन न दें।