ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद बुधवार रात देर से पूजा-पाठ शुरू हो गई। जिला प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच बैरिकेडिंग हटाकर व्यासजी तहखाने में पूजा की व्यवस्था की।
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, रात 12 बजे के बाद विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्रा और अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त निकालने वाले गणेश्वर द्रविड़ ने व्यासजी तहखाने में पूजा-पाठ किया। इस दौरान तहखाने में दीप जलाए गए और मंत्रोच्चार किया गया।
पूजा के दौरान तहखाने में मौजूद हिंदू पक्ष के लोगों में खुशी की लहर थी। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि यह पूजा हिंदू धर्म के लिए एक बड़ी जीत है।
पूजा के दौरान तहखाने में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। डीएम कौशल राज शर्मा और एसएसपी अमित सिंह की मौजूदगी में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात रहे।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार दिए जाने के बाद यह पहली बार था कि तहखाने में पूजा की गई। इससे पहले 1993 में हिंदू पक्ष ने तहखाने में पूजा की थी। इसके बाद से तहखाने को बंद कर दिया गया था।
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हिंदू पक्ष की ओर से 1991 में एक वाद दायर किया गया था। इस वाद में हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि ज्ञानवापी मस्जिद एक प्राचीन शिव मंदिर था, जिसे मुगल शासकों ने तोड़कर मस्जिद बना दिया था। इस वाद पर वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई चल रही है।
हाल ही में अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण और वीडियोग्राफी का आदेश दिया था। सर्वेक्षण के बाद अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यासजी तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया है।