BJP in Lok Sabha elections 2024: देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए बीजेपी अपने सभी कील- कांटे दुरुस्त करने में जुटी है. अपने ‘अबकी बार- 400 पार’ के नारे को पूरा करने के लिए पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए राजस्थान, हरियाणा और आंध्र प्रदेश में आज चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारियों की नई नियुक्तियां कीं.
अध्यक्ष जेपी नड्डा के आदेश पर जारी नियुक्ति पत्र में उम्मीद जताई गई है कि नए प्रभारियों के नेतृत्व में पार्टी इन राज्यों में बड़ी जीत हासिल करेगी. अब देखना होगा कि नड्डा के ये महारथी इन राज्यों में कितना कमाल दिखा पाते हैं.
राजस्थान में डॉक्टर सहस्रबुद्धे बनाए गए प्रभारी
बीजेपी ने पार्टी के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉक्टर विनय सहस्रबुद्धे को राजस्थान का प्रभारी नियुक्त किया गया है. उनके साथ पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री विजया रहाटकर और पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा को सह-प्रभारी बनाया गया है. प्रवेश वर्मा पिछले टर्म से लगातार दिल्ली में सांसद चुनकर आ रहे थे. लेकिन इस बार उनका टिकट काटकर कमलजीत सहरावत को मैदान में उतारा गया है.
हरियाणा की कमान सतीश पूनिया को मिली
हरियाणा के लिए सतीश पूनिया को प्रभारी बनाया गया है. सतीश पूनिया राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. अपने अध्यक्षी काल में उनका राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया के साथ लगातार टकराव चलता रहा. उनके साथ राज्यसभा सांसद सुरेंद्र नागर को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है. सुरेंद्र नागर फिलहाल पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री भी हैं.
आंध्र प्रदेश की जिम्मेदारी संभालेंगे अरुण सिंह
आंध्र प्रदेश के लिए पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री अरुण सिंह को चुनाव प्रभार दिया गया है. उनके साथ यूपी के विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह को सह-प्रभारी नियुक्त किया गया है. पिछली योगी सरकार में सिद्धार्थनाथ सिंह मंत्री रहे थे लेकिन इस बार जीत हासिल करने के बावजूद वे मंत्री बनने से महरूम रह गए.
हरियाणा- राजस्थान में बीजेपी सरकार
बताते चलें कि हरियाणा और राजस्थान में फिलहाल बीजेपी सरकार है और पिछले आम चुनाव में बीजेपी ने इन दोनों राज्यों में शत-प्रतिशत सीटें जीती थीं. ऐसे में पार्टी के ऊपर अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराने का भार रहेगा.
वहीं आंध्र प्रदेश में बीजेपी, टीडीपी और जनसेना पार्टी के साथ गठबंधन करके मैदान में उतर रही है और वहां उसके पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है. ऐसे में पार्टी के लिए वहां पर अपना जनाधार मजबूत करने और ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य होगा