किसी भी चुनाव में लॉ एंड ऑर्डर हमेशा एक बड़ा मुद्दा होता है और विपक्षी पार्टियां इसे लेकर सरकारों पर सवाल उठाने से नहीं चूकतीं, लेकिन उत्तर प्रदेश में खुद सत्ता पक्ष ही इसे मुद्दा बनाने में जुटा है और चुनाव में इसे भुनाने की भी तैयारी है।
इसकी वजह है लॉ एंड ऑर्डर का योगी मॉडल, जिसकी चर्चा हर तरफ है। गौरतलब है कि योगी सरकार को कड़े कानून बनाने, माफियाओं पर एक्शन लेने और लॉ एंड ऑर्डर मजबूत करने का श्रेय दिया जाता रहा है। कई अन्य राज्य भी कानून व्यवस्था के इस योगी मॉडल को अपनाने का प्रयास कर चुके हैं।
टाइम्स आफ इंडिया की खबर के अनुसार अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ही शुरू किया था। बीते सालों में उत्तर प्रदेश में कई अपराधियों के अवैध निर्माणों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया। विपक्ष की ओर से इसकी तीखी आलोचना भी की गई लेकिन लोगों ने ऐसी त्वरित कार्रवाइयां चर्चा का विषय रही।
नतीजा यह रहा कि कई अन्य राज्यों में भी इस बुलडोजर फॉर्मूले को अपनाया गया। खासकर की हरियाणा, मप्र और गुजरात में इसके कई प्रयोग देखे गए। यहां तक की दिल्ली में भी इसका इस्तेमाल हुआ। माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लेना भी योगी मॉडल की खास पहचान है।
उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में कई माफियाओं का या तो खात्मा कर दिया गया या फिर उन पर कड़ी कार्रवाई की गई। अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे माफियाओं का साम्राज्य खत्म करने के लिए एक्शन लिया गया। खुद सीएम योगी ने कई बार खुले मंच से कहा कि माफिया या तो प्रदेश छोड़कर चले गए हैं या फिर उनका ‘राम नाम…’ हो गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी कानून लेकर आ चुकी है। इन कानूनों की भी काफी चर्चा हुई और हरियाणा, मप्र एवं उत्तराखंड जैसे भाजपा शासित राज्यों में भी इन्हें लागू किया गया। भाजपा चुनावों में कानून के इस योगी मॉडल को प्रचारित भी करती रही है। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी लॉ एंड ऑर्डर को मुद्दा बनाना चाहेगी और योगी मॉडल को जनता के सामने रख कर राजनीतिक लाभ लेना चाहेगी।