राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने देश भर में चल रहे सभी मदरसों की फंडिग रोकने की सिफारिश की है। एनसीपीआर की ओर से सलाह दी गई है कि वर्तमान में मदसरों में पढ़ रहे गैर मुस्लिम बच्चों को शिक्षा के अधिकार के आधार पर मुख्यधारा के स्कूलों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
इस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार सरंक्षण आयोग ने अपनी बात रखी है। राज्यों और इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शिक्षा को बढ़ावा देने के बजाय मदरसे इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “शिक्षा के अधिकार के तहत किसी भी बच्चे को दूसरे धर्म के बारे में जबरदस्ती नहीं पढ़ाया जा सकता। मदरसों में दूसरे धर्मों के बच्चों पर इस्लामी ज्ञान थोपा जा रहा है। शिक्षा को बढ़ावा देने के बजाय मदरसे इस्लाम को बढ़ावा दे रहे हैं।
सामना के संपादकीय पर भी दी प्रतिक्रिया
शिवसेना के सामना में लिखे संपादकीय पर भी भाजपा प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया दी। आरपी सिंह ने कहा कि इस तरह के संपादकीय का जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। हरियाणा विधानसभा चुनाव ने दिखा दिया है कि भाजपा वंचित समाज की कितनी परवाह करती है। हमने पिछड़ी जातियों और वंचित समाज के प्रति लगातार अपनी चिंता व्यक्त की।
हरियाणा विधानसभा जीत पर भी दी प्रतिक्रिया
आरपी सिंह ने आगे कहा कि हरियाणा में पिछड़ी जाति से मुख्यमंत्री हैं। इससे यह साबित होता है कि वंचित और पिछड़ी जातियां दोनों भाजपा के साथ मजबूती से खड़ी हैं।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 90 विधानसभा सीटों में से अकेले दम पर 48 सीटों पर जीत दर्ज की। यह हरियाणा में भाजपा की लगातार तीसरी जीत है। साल 2014 में भाजपा ने पहली बार हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। हालांकि 2019 में पार्टी को सिर्फ 40 सीटें ही मिली थी। मगर जजपा और निर्दलीय विधायकों के सहयोग से सरकार चलाई।