मथुरा: शेर खान ने किया श्रीराम मंदिर पर हमला, गेट तोड़ने और पुजारी को मंदिर न खोलने की धमकी, मथुरा पुलिस बोली- ‘मानसिक विक्षिप्त’

मथुरा के राया कस्बे में सोमवार की सुबह श्री राम मंदिर पर हमले की घटना ने इलाके में हलचल मचा दी। एक मानसिक रूप से परेशान युवक द्वारा मंदिर के सेवायत (महंत) के साथ मारपीट और मंदिर में पत्थरबाजी की घटना सामने आई है। इस मामले की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, हालांकि पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हुए हैं।

घटना का विवरण

सोमवार की सुबह, जब रेतिया बाजार स्थित श्री राम मंदिर में सेवायत महंत अरुण मंदिर की सफाई में लगे हुए थे, तब व्यापारी मोहल्ला निवासी शेरखान नामक व्यक्ति मंदिर में आ गया।

शेरखान मानसिक रूप से परेशान बताया जा रहा है, लेकिन उसने अचानक महंत अरुण के साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके साथ ही उसने मंदिर के अंदर ईंट और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जिससे मंदिर की पवित्रता भंग हो गई और महंत को गंभीर खतरा पैदा हो गया।

महंत की बहादुरी

घटना के दौरान महंत अरुण ने अपनी जान बचाने के लिए काफी संघर्ष किया। उन्होंने बड़ी मुश्किल से हमलावर से अपनी जान बचाकर खुद को मंदिर के अंदर बंद कर लिया। मंदिर में बंद होकर महंत ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और 112 पर मदद के लिए कॉल किया। महंत अरुण की सूझबूझ और त्वरित कार्रवाई ने उनकी जान बचाई, अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती थी।

पुलिस की प्रतिक्रिया

सूचना मिलते ही पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई, लेकिन पुलिस की कार्रवाई को लेकर कुछ सवाल उठे हैं। पुलिस ने महंत अरुण से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, पुलिस ने महंत को ही धमकाना शुरू कर दिया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पुलिस ने मंदिर सेवायत से घटना की सही रिपोर्ट देने के बजाय उन्हें डराने-धमकाने का प्रयास किया। इससे मंदिर सेवायत और श्रद्धालुओं में गहरी नाराजगी फैल गई है।

तहरीर दी गई

घटना के बाद महंत अरुण ने हमले की लिखित शिकायत (तहरीर) स्थानीय पुलिस थाने में दी है। उन्होंने हमले के बारे में विस्तार से बताया और आरोपी शेरखान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। महंत और मंदिर के अन्य सेवक चाहते हैं कि इस तरह की घटना दोबारा न हो और पुलिस प्रशासन आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाए।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस हमले के बाद स्थानीय लोगों में भय और आक्रोश की भावना व्याप्त है। लोगों का कहना है कि मथुरा जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक नगरी में इस तरह की घटना निंदनीय है। मंदिर पर हमला और सेवायत पर जानलेवा हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लोगों ने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

मानसिक स्वास्थ्य पर सवाल

इस घटना ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को भी उजागर किया है। शेरखान, जो इस घटना का मुख्य आरोपी है, मानसिक रूप से परेशान बताया जा रहा है। अगर वह वास्तव में मानसिक रूप से अस्थिर था, तो सवाल उठता है कि उसकी देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान किसने रखा? इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और संसाधनों की कितनी कमी है।

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