फैजान ने लगाए थे ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे, अब हाई कोर्ट ने कहा- तिरंगे की 21 बार सलामी दो, भारत माता की जय बोलो’

‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहने वाले शख्स को कोर्ट ने सबक सिखाया है. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के आरोपी व्यक्ति को महीने में दो दफा थाने में 21 बार राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने और भारत माता की जय का नारा लगाने की शर्त पर जमानत दी है.

न्यायमूर्ति डीके पालीवाल ने मंगलवार को आदेश में कहा कि आरोपी को कुछ शर्तें लगाकर जमानत पर रिहा किया जा सकता है, जिससे उसके अंदर उस देश के प्रति जिम्मेदारी और गर्व की भावना पैदा हो, जहां वह पैदा हुआ और रह रहा है. अदालत ने कहा, ‘वह खुलेआम उस देश के खिलाफ नारे लगा रहा है, जिसमें वह पैदा हुआ और पला-बढ़ा है.’

फैजान को कोर्ट ने सिखाया सबक

अदालत ने आरोपी को महीने के हर पहले और चौथे मंगलवार को राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने और ‘‘भारत माता की जय’’ का नारा लगाने का निर्देश दिया.

आरोपी फैजल उर्फ ​​फैजान को मई में भोपाल के मिसरोद थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153बी (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप, बयान) के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था.

50 हजार के निजी मुचलके पर मिली जमानत

उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया है, ‘यह निर्देश दिया जाता है कि अभियुक्त फैजल उर्फ ​​फैजान को निचली अदालत में 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के एक जमानतदार के रूप में पेश करने पर जमानत पर रिहा किया जाए, ताकि वह मुकदमे के दौरान निचली अदालत के समक्ष नियमित रूप से उपस्थित हो सके.’

महीने के पहले और चौथे मंगलवार को जाएगा थाने

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘यह भी निर्देश दिया जाता है कि वह मुकदमे के समापन तक हर महीने के पहले और चौथे मंगलवार को पुलिस थाने मिसरोद, भोपाल के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा और थाने की इमारत पर फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज को 21 बार ‘‘भारत माता की जय’’ कहकर सलामी देगा.’

‘राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक’

अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी ने पाकिस्तान के समर्थन में नारा लगाया था, जो विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के समान है और उसका कृत्य सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक है. बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि उसके मुवक्किल को झूठे आरोप में फंसाया गया है.

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