उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर का नाम बदलने की मांग फिर से उठ रही है। हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने पूरे शहर में पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में मुज़फ्फरनगर को ‘लक्ष्मी नगर’ करने की बात कही गई है। शनिवार को रेलवे स्टेशन और मुख्य सड़कों जैसी जगहों पर ‘मुज़फ्फरनगर’ की जगह ‘लक्ष्मी नगर’ लिखे बैनर दिखाई दिए।
नाम बदलने की इस मांग पर कई नेताओं ने अपनी राय दी है। बुढ़ाना से RLD MLA राजपाल बालियान ने कहा, “हमें मुज़फ्फरनगर या लक्ष्मी नगर, दोनों से कोई दिक्कत नहीं है। यह मामला राज्य सरकार के अधिकार में आता है। NDA के हिस्से के रूप में, केंद्र या उत्तर प्रदेश सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसे मानेंगे।” शनिवार को मुज़फ्फरनगर में मौजूद आचार्य धीरेंद्र सिंह शास्त्री ने भी इस फैसले का समर्थन किया है।
इस महीने की शुरुआत में, BJP MLC मोहित बेनीवाल ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में यह मांग उठाई थी। उन्होंने कहा था कि जिले का नाम बदलना जनता की भावनाओं से जुड़ा है। और इससे इसे एक नई पहचान मिलेगी। उनके इस बयान के बाद इस मुद्दे पर फिर से चर्चा शुरू हो गई। अलग-अलग राजनीतिक और सामाजिक समूहों ने इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है।
हिन्दू युवा वाहिनी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रह्लाद आहूजा ने कहा, ‘हम पिछले 7-8 सालों से इस मुद्दे पर लड़ रहे हैं। मुज़फ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर करने की मांग हमारी भावनाओं को दर्शाती है। ये पोस्टर तो बस शुरुआत हैं, आने वाले दिनों में आपको ये पूरे शहर में दिखाई देंगे।’
वहीं, समाजवादी पार्टी के सांसद हरेंद्र मलिक ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, ‘जिले का नाम बदलने से पहले, सरकार को बेरोजगारों को नौकरी देने, किसानों को लाभ पहुंचाने और कानून व्यवस्था सुधारने पर ध्यान देना चाहिए।’ उनका कहना है कि नाम बदलने से ज्यादा जरूरी लोगों की परेशानियां दूर करना है।