मणिपुर में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। थौबल जिले के लिलोंग में एक बड़ी रैली आयोजित की गई। इस रैली में 5,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग-102 पर यातायात बाधित किया गया। कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हुई। वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष असकर अली के घर को भीड़ ने आग लगा दी। भीड़ इस बात को लेकर उग्र थी क्योंकि असकर अली ने वक्फ संशोधन अधिनियम का समर्थन किया।
थौबल के इरोंग चेसाबा में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका, जिसके बाद झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने वक्फ बिल के खिलाफ नारे लगाए। इंफाल पूर्व में क्षत्री अवांग लेईकाई, कैरांग मुस्लिम और कियामगेई मुस्लिम क्षेत्रों और थौबल जिले के सोरा सहित अन्य स्थानों पर भी विरोध-प्रदर्शन हुए।
एक दिन पहले समर्थन में किया था पोस्ट
थौबल जिले के लिलोंग में असकर अली का घर है। उन्होंने शनिवार को सोशल मीडिया पर वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करने वाली एक पोस्ट की। रात करीब 9 बजे गुस्साई भीड़ उनके आवास के बाहर एकत्र हुई, तोड़फोड़ की और बाद में घर को आग लगा दी। इस घटना के बाद अली ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने पिछले बयान के लिए माफी मांगी। उन्होंने इस कानून के प्रति विरोध भी जताया।
कलेक्टर ने लागू की धारा 163
मोहम्मद असकर अली के घर में आगजनी की घटना के बाद, थौबल जिला प्रशासन ने सोमवार को पूरे लिलोंग विधानसभा क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। जिलाधिकारी के जारी आदेश में पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने और लोगों के आग्नेयास्त्र, तलवार, लाठी, पत्थर या अन्य घातक हथियार ले जाने पर रोक लगा दी गई है।
8 हजार की भीड़ ने बोला हमला
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि लाठियां और पत्थर लिये लगभग सात से आठ हजार लोगों की भीड़ ने लिलोंग संब्रुखोंग मामेई क्षेत्र में असकर अली के घर पर धावा बोला और आगजनी की। आदेश में कहा गया है कि लिलोंग विधानसभा और उसके आसपास के क्षेत्र में मामला बहुत संवेदनशील है और आगे भी अशांति की आशंका है।
मुस्लिम इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा
अधिकारियों ने बताया कि घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद के दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है। लोकसभा में पारित होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में यह विधेयक पेश किया था, जिसे करीब 13 घंटे की चर्चा के बाद मंजूरी दे दी गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को विधेयक को मंजूरी दे दी