राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित सीट से संसद सुरक्षा अधिकारियों ने 50,000 रुपये नकद बरामद किए हैं. सदन में धनखड़ के इस दावे पर कांग्रेस सांसदों ने विरोध जताया, मल्लिकार्जुन खड़गे ने जोर देकर कहा कि जांच से पहले नाम नहीं लिए जाने चाहिए.
सिंघवी ने क्या कहा?
हालांकि, अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोपों से इनकार किया है. सीनियर अधिवक्ता ने कहा, “मैं जब भी राज्यसभा जाता हूं तो 500 रुपये का नोट लेकर जाता हूं. मैंने इस बारे में पहली बार सुना. मैं दोपहर 12.57 बजे सदन पहुंचा और सदन 1 बजे उठा. फिर मैं अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के साथ 1.30 बजे तक कैंटीन में बैठा और संसद से चला गया.”
सीट को लॉक करने का होना चाहिए ऑप्शन
हालांकि, सिंघवी ने घटना की जांच का स्वागत किया. उन्होंने कहा, “इसका मतलब है कि हममें से हर किसी के पास एक सीट होनी चाहिए, जहां सीट को लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें, क्योंकि तब हर कोई सीट पर बैठकर कुछ भी कर सकता है और इस तरह के आरोप लगा सकता है.”
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही धनखड़ ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षा अधिकारियों के जरिए नियमित जांच के दौरान नोटों की गड्डी बरामद की गई है. राज्यसभा चेयरपर्सन ने कहा,”कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद नियमित जांच के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की. यह सीट वर्तमान में अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है. कानून के अनुसार जांच की जाएगी.”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा?
इस टिप्पणी से नाराज़ मल्लिकार्जुन खड़गे तुरंत उठ खड़े हुए. राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “आपने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है. जब तक इसकी पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक उनका नाम नहीं लिया जाना चाहिए.”
हालांकि, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सीट नंबर और सांसद का नाम बताने में कुछ भी गलत नहीं है. उन्होंने कहा, “इसमें क्या गलत है? संसद में नोटों का बंडल ले जाना उचित है? इसकी उचित जांच होनी चाहिए.”