अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में 24 घंटे का समय बहुत मायने रखता है। हाल ही में, दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआती 24 घंटों में ही महत्वपूर्ण हस्तियों से मुलाकात करके कूटनीति की गाड़ी चौथे गियर में लगा दी। इस दौरान, उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, बिलियनियर एलन मस्क, और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज से बैक-टू-बैक बैठकों के जरिए कई महत्वपूर्ण समझौतों और घोषणाओं को सुनिश्चित किया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन डीसी के ब्लेयर हाउस में ट्रंप के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यह मुलाकात ट्रंप के दूसरे बार पद ग्रहण के बाद उनकी पहली वैश्विक मुलाकातों में से एक थी।
बैठक में दोनों नेताओं ने एक विशाल व्यापार मार्ग बनाने, सैन्य सहयोग बढ़ाने (जिसमें F35 और स्टील्थ लड़ाकू विमानों के सौदे शामिल हैं) तथा भारत में सैन्य बिक्री को कई अरब डॉलर तक बढ़ाने पर सहमति जताई। इसके अलावा, मोदी ने अवैध प्रवास के मुद्दे पर भी कड़ी रुख अपनाने का इशारा दिया और ट्रंप ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा को भारत लाने की घोषणा की।
एलन मस्क से मुलाकात
मोदी ने ट्रंप से मुलाकात से पहले ही एलन मस्क से मिलने का विशेष मौका पाया। इस मुलाकात में प्रधानमंत्री ने मस्क के बच्चों से भी बातचीत की, जिससे यह बैठक एक पारिवारिक माहौल में संपन्न हुई। एलन मस्क की कंपनी टेस्ला का चीन में काफी कारोबार है, और ट्रंप के चीन के खिलाफ रवैये को देखते हुए, मस्क के लिए भारत एक संभावित नया व्यापारिक केंद्र बन सकता है। इस बातचीत ने भारत को एक मजबूत आर्थिक और कूटनीतिक विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाकात
वाशिंगटन डीसी में ब्लेयर हाउस में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे। दोनों पक्षों ने रक्षा, तकनीकी सहयोग और सुरक्षा के मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। मोदी ने बैठक को सार्थक बताते हुए वाल्ट्ज को “भारत का एक महान मित्र” कहा, जो कि दोनों देशों के बीच मजबूत सुरक्षा सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मोदी की अमेरिका यात्रा के पहले 24 घंटों में ही ट्रंप, एलन मस्क और वाल्ट्ज से मुलाकात ने भारत-अमेरिका संबंधों के कई नए आयाम खोले। इन बैठकों ने व्यापार, सैन्य सहयोग और सुरक्षा के क्षेत्रों में नए समझौते सुनिश्चित किए, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर एक मजबूत कूटनीतिक और आर्थिक स्थिति मिली है। यह दौरा यह स्पष्ट करता है कि कूटनीति में त्वरित फैसलों से देश के भविष्य को कैसे आकार दिया जा सकता है, और यह भी कि विश्व मंच पर भारत की महत्ता लगातार बढ़ रही है।